नई दिल्ली : ईस्टर्न लद्दाख में चीन के साथ जबसे तनाव शुरू हुआ तबसे भारतीय सेनाओं की तैनाती और ऑपरेशनल कमिटमेंट किस तरह बढ़ा है यह बजट में भी दिख रहा है। पहले सिर्फ लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) यानी पाकिस्तान बॉर्डर पर ही बड़ी संख्या में सैनिकों की परमानेंट तैनाती रहती थी लेकिन 2020 में चीन के साथ शुरू हुए तनाव के बाद से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) यानी चीन बॉर्डर पर भी सैनिकों की तैनाती बहुत बढ़ी, जो पहले नहीं थी। ईस्टर्न लद्दाख में ही करीब 55 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई जो लगातार जारी है। कई एक्सपर्ट्स ने इसे लेकर कहा भी कि एलएसी भी नई एलओसी बन गई है।
यह बुधवार को संसद में पेश किए गए बजट में भी दिखा। डिफेंस के लिए जो कुल बजट है वह 5.93 लाख करोड़ रुपये है, इसमें 4.2 लाख करोड़ रुपये रेवेन्यू बजट है और 1.71 लाख करोड़ कैपिटल बजट। कैपिटल बजट नए हथियार, उपकरण खरीदने के लिए इस्तेमाल होता है। जबकि रेवेन्यू बजट में सैलरी से लेकर हथियारों, उपकरणों का रखरखाव, उनका अपग्रेडेशन, गोला बारूद, स्पेयर्स पार्ट, सैनिकों के रहने का इंतजाम आदि शामिल है। अब इसमें अगर सैलरी को हटा कर देखें तो सैलरी छोड़कर रेवेन्यू बजट पिछले साल के मुकाबले 44 पर्सेंट बढ़ा है। यह पिछले साल 62431 करोड़ रुपये था जो इस बार बजट अनुमान में 90000 करोड़ रुपये हो गया है।
रक्षा मंत्रालय ने भी कहा कि बढ़ा हुआ रेवेन्यू बजट वॉरशिप, एयरक्राफ्ट सहित वेपन सिस्टम और प्लेटफॉर्म के रखरखाव, उनके अपग्रेडेशन, एम्युनिशन लेने, स्पेयर्स पार्ट लेने और मिलिट्री रिजर्व स्टॉकिंग पूरी करने में काम आएगा। पिछले बार सैलरी छोड़कर रेवेन्यू का जो अनुमानित बजट था वह संशोधित बजट में काफी बढ़ गया था। क्योंकि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में चीन के साथ तनाव होने से वहां इमरजेंसी में सैनिकों के रहने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया गया, इसमें परमानेंट स्ट्रक्चर भी शामिल हैं। साथ ही कई टैंको को वहां तैनात किया गया। यह लगातार तीसरी सर्दी थी जब सैनिकों सहित टैंक और दूसरे सैन्य साजो सामान वहां लगातार तैनात रहे। टैंकों में विंटर किट लगाई गई, उस बर्फीली ठंड में सैनिकों सहित हथियारों को भी सुरक्षित रखने का इंतजाम किया गया। साथ ही गोला बारूद को भी स्टॉक किया गया।
पिछले महीने ही इंडियन आर्मी चीफ जनरल मनोज पाण्डे ने बताया कि ईस्टर्न लद्दाख में हमारे करीब 55 हजार सैनिक तैनात हैं जिनके लिए हैबिटाट (शेल्टर) बनाए गए। करीब 400 गन और 500 टैंक और इंफ्रेंट्री वीइकल के लिए कवर्ड गरम शेल्टर बनाए गए और पिछले तीन साल में 1300 करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर और हैबिटाट पर खर्च हुए। रेवेन्यू बजट में यह सब साफ दिख रहा है कि एलएसी पर तनाव होने से किस तरह बजट का एक बड़ा हिस्सा वहां जा रहा है।
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