जिस तरह ब्रज में होली खेली जाती है, उसी तरह बुरहानपुर स्थित गोकुलचंद्रमा मंदिर में भी ब्रज की होली खेली गई। आयोजन हर साल होता है। रविवार रात 8 बजे स्थानीय इतवारा स्थित गोकुल चंद्रमा मंदिर में ब्रज की होली खेली गई। जिसमें एक बालक को कृष्ण की वेशभूषा में तैयार कर फूलों की लठ्ठमार होली खेली गई। यहां सबसे पहले गोपियों ने लठ्ठमार होली खेली फिर बालक कृष्ण की वेशभूषा में फूलों से होली खेले। जमकर पुष्प वर्षा की गई। मंदिर के पट खुले और भगवान के दर्शन कराए गए। इससे पहले भगवान को गुलाल लगाया गया।
ब्रज की होली की तरह नजर आता है दृश्य, महिलाओं ने गाए गीत
यह पूरा दृश्य ब्रज की होली की तरह नजर आया। सब अपने मस्ती में मगन दिखाई दिए। महिलाएं एक दूसरे के साथ फुगड़ी खेल रही थी। श्रद्धालु फाग गीतों पर नाच रहे थे। मंदिर के भागवत भूषण हरिकृष्ण मुखिया ने बताया कि होली से शरीर के विकार दूर होते हैं। होली का दहन गोबर के कंडो से करना चाहिए। यही भारतीय परंपरा है।
वन विभाग ने की लकड़ी विक्रय व्यवस्था
आज रात होलिका का दहन होगा। वहीं इधर वन मंडल बुरहानपुर सामान्य द्वारा होलिका दहन के लिए जलाऊ लकड़ी शासकीय दर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। वन मंडलाधिकारी अनुपम शर्मा के अनुसार 2850 प्रति चट्टे से आमजन को लकड़ी उपलब्ध कराई जाएगी। सोमवार दोपहर 02.30 बजे से विक्रय की जाएगी।
इन स्थानों से ले सकेंगे लकड़ी
रेणुका फ़ॉरेस्ट डिपो, सिंधी बस्ती चौराहा, तिलक चौराहा, लालबाग़ पुलिस थाने के पास, दुर्गा मैदान, कमल टॉकीज के पास से लकड़ी आमजन को बेची जाएगी।