काठमांडू : ’येती एयरलाइंस’ के छोटे यात्री विमान को उड़ाते समय 2006 में एक दुर्घटना में मारे गए अपने पति के लिए दुखी अंजू काठीवाड़ा ने पायलट बनने का फैसला किया था। वह विमानन की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं थी। पति की मृत्यु के 16 साल बाद अंजू भी ‘यति एयरलाइंस’ का विमान उड़ा रही थीं, जो रविवार को पोखरा हवाई अड्डे पर उतरने के दौरान हादसे का शिकार हो गया। हादसे में अंजू की मौत हो गई। विमान में 72 लोग सवार थे।
येती एयरलाइंस ने ही ली पत्नी की जान
‘येती एयरलाइंस’ के एक प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला के अनुसार, अपने पति की मृत्यु के बाद बीमा दावे के रूप में प्राप्त धन का उपयोग अंजू ने विमानन की पढ़ाई के लिए किया। वह 2010 में ‘येती एयरलाइंस’ से जुड़ीं और अपने सपने को पूरा कर कैप्टन बनीं। लेकिन दीपक की मौत के 16 साल बाद, अंजू की मृत्यु हो गई जब उनका 9ए-एएनसी एटीआर-72 विमान पोखरा में पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद
रविवार को हुई दुर्घटना के बाद अब तक किसी के जीवित बचे होने की सूचना नहीं है। येती एयरलाइंस के दुर्घटनाग्रस्त विमान का ‘ब्लैक बॉक्स’ और एक शव सोमवार को दुर्घटनास्थल से बरामद कर लिया गया है। ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर’ (सीवीआर) और ‘फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर’ (एफडीआर) दोनों को बरामद कर लिया गया। सीवीआर कॉकपिट में रेडियो प्रसारण और अन्य ध्वनियां रिकॉर्ड करता है, जैसे पायलटों के बीच बातचीत, और इंजन से आने वाली आवाज आदि।