एडटेक फर्म बायजूस (Byju’s) में खासी उथल-पुथल का माहौल देखने को मिल रहा है. नकदी संकट से जूझ रही इस फर्म में बीते दिनों कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) को ही निकाले जाने के लिए ईजीएम में प्रस्ताव पारित किया गया, तो इन खबरों पर सीईओ रविंद्रन ने अगले ही दिन सफाई देते हुए कह दिया कि मैं सीईओ हूं और आगे भी बना रहूंगा, मैनेजमेंट में कोई बदलाव नहीं होगा. बता दें कि शुक्रवार को आम बैठक में बायजूस निवेशकों (Byju’s Investors) के एक ग्रुप में बायजू रविंद्रन और उनकी फैमिली को कंपनी से बाहर निकालने का प्रस्ताव पारित किया गया था.
निवेशकों ने लगाया मिस-मैनेजमेंट का आरोप
संकट में फंसी बायजूस (Byju’s) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, एक ओर जहां निवेशक फर्म प्रोसस ने कंपनी का मूल्यांकन भी 22 अरब डॉलर से घटाकर 5.1 अरब डॉलर कर दिया है. तो वहीं शीर्ष नेतृत्व पर मिस-मैनेजमेंट का आरोप लगाते हुए उन्हें कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी की जा रही है. शुक्रवार को हुई Byju’s EGM में Investors Prosus, General Atlantic और Peak XV जैसे बड़े शेयरहहोल्डर्स ने कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ तथा उनके भाई ऋजु रवींद्रन को बोर्ड से हटाने के प्रस्ताव को भी पारित किया था. हालांकि, इस ईजीएम में बायजू रविंद्रन और उनके परिवार को कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ.
‘मैनेजमेंट में नहीं होगा कोई बदलाव’
कंपनी से निकाले जाने की खबरों को बायजूस फाउंडर (Byju’s Founder) बायजू रविंद्रन ने सामने आकर अपने निवेशकों के लिए एक पत्र लिखकर बड़ा बयान जारी किया. इसमें उन्होंने सीईओ के रूप में अपनी स्थिति की पुष्टि की और कहा कि संगठन के भीतर सब कुछ ठीक है. कंपनी में जारी संकट के बीच उन्होंने निवेशकों की ओर से उन्हें CEO पद से हटाए जाने की खबरों पर बायजू रविंद्रन ने लिखा, ‘मैं आपको हमारी कंपनी के सीईओ के रूप में यह पत्र लिख रहा हूं, आपने मीडिया में जो पढ़ा होगा, उसके विपरीत, मैं सीईओ बना रहूंगा, मैनेजमेंट में कोई बदलाव नहीं होगा और बोर्ड भी यही रहेगा. उन्होंने शुक्रवार को हुई आम बैठक (Byju’s EGM) का तमाशा करार दिया है.
NCLT में प्रोसस ने कराया है मुकदमा दायर
बायजूस संकट लंबे समय से जारी है और तमाम कोशिशों के बावजूद इसकी बदहाली कम होने का नाम नहीं ले रही है. इन्वेस्टर प्रोसस की ओर से कंपनी की वैल्यूएशन घटाने के बीच अब बायजू रविंद्रन और उनकी फैमिली के सदस्यों को कंपनी से बाहर किए जाने के संबंध में जारी बयान में कहा गया कि शेयरहोल्डर्स और बड़े इन्वेस्टर्स के रूप में हम बैठक की वैधता और इसमें लिए गए फैसलों पर अपनी स्थिति को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं, जिसे हम अब उचित प्रक्रिया के अनुसार कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) में पेश करेंगे. गौरतलब है कि इससे पहले एडटेक फर्म बायजू के 4 निवेशकों ने एनसीएलटी (NCLT) में मिस मैनेजमेंट के संबंध में मुकदमा दायर किया है और इसमें भी रवींद्रन को निदेशक मंडल से हटाने की मांग की गई.
जिसने खड़ी की कंपनी, उसे निकालने की तैयारी
बायजूस की स्थापना 2011 में बायजू रवींद्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने की थी. देखते ही देखते बायजूस एक लर्निंग ऐप के तौर पर मशहूर हो गई. इसकी पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न हैं. रवींद्रन ने खुद इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उसके बाद उन्होंने 2006 में छात्रों को गणित की कोचिंग देना शुरू किया. साल 2015 में Byju’s लर्निंग ऐप लॉन्च किया. यह स्टार्टअप अगले 4 साल में यूनिकॉर्न हो गया. सबसे बड़ी उछाल कोरोना काल में जब स्कूल और कोचिंग बंद हुए तब देखने को मिला. नकदी संकट का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कंपनी को हाल ही में बेंगलुरु स्थित अपना सबसे बड़ा ऑफिस स्पेस तक किराया भरने में नाकाम होने की स्थिति में खाली करना पड़ा है.