पुनपुन। बिहार में गौरीचक थाना क्षेत्र के तारणपुर ग्राम स्थित पुनपुन नदी किनारे शिव मंदिर प्रांगण में सोमवार की शाम आनंद मोहन अपने सहयोगी मित्र के साथ अगामी 19 नवंबर को पटना में होने वाले महाराणा प्रताप के शौर्य सम्मान समारोह का ग्रामवासी को आमंत्रण देने के लिए पहुंचे थे।
ग्रामीणों ने आनंद मोहन के साथ अन्य लोगों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। कंडाप, लंका कछुआरा बैरिया करणपुरा इत्यादि गांव के भ्रमण पर निकले। मौके पर आनंद मोहन ने कहा कि इसलिए नहीं निकले हैं वो लोग की उनको रैली करना है। उनको तो आनंद मोहन के बहाने हमारे समाज को कमजोर करना है।
रैलियों की हो गई भरमार
उन्होंने आगे कहा कि इसीलिए सब लोग निकले हैं जब मैं निकला हूं। मेरी रैली जैसे ही डिक्लेअर हुई। अब देखीए रैलियों का भरमार हो गया। उन्होंने कहा कि मैं किसी व्यक्ति का नाम नहीं लूंगा दो-तीन लोग रैली में निकले हैं।
उन्होंने कहा है कि अकबर का सेनापति मानसिंह था? तो महाराणा प्रताप का सेनापति हकीम खान सूरी थे। वो जब निकले सहजास में, महलों को त्याग करके तमाम लोहार जातियों ने कुम्भलगढ़ जिला छोड़ दिया। सभी लोग महाराणा प्रताप के साथ जंगलों में निकल पड़े।
लोगों ने हमारी छतरी के नीचे पाई सुरक्षा
उन्होंने कहा कि वही तलवार बर्छी और ठाल बनाकर के महाराणा को दिया करते थे। चितौड़ गढ़ में एक तरफ राजपूत की तस्वीर है तो दूसरी तरफ भील की तस्वीर है। इसलिए हम उसी महापुरुष को चुना जिसने कभी जात-पात धर्म का मजहब नहीं देखी।
आनंद मोहन ने कहा कि हमारी छतरी के नीचे 36 कौम के लोगों ने सुरक्षा हासिल की है। इसलिए हम कहा करते हैं कि राजपूत कभी भी संकीर्ण नहीं हुआ करता है।
इस मौके पर मुखिया राजू सिह, ग्रामीण राजेंद्र सिह, पूर्व मुखिया नरेंद्र कुमार सिह, अरविंद सिंह, अवधेश कुमार सिंह, नवल किशोर सिंह, चुनचुन सिह आदि दर्जनों लोग उपस्थित रहे।