लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) और केंद्र सरकार ने IDBI बैंक में अपनी 60.72% हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। वर्तमान में IDBI बैंक में LIC और केंद्र सरकार दोनों की हिस्सेदारी करीब 94% है। जिसमें से 30 जून तक केंद्र सरकार की 45.48% और LIC की 49.24% हिस्सेदारी है।
केंद्र सरकार IDBI बैंक में अपनी 30.48% हिस्सेदारी बेचेगी
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने IDBI बैंक में अपनी 30.48% हिस्सेदारी को बेचने का फैसला किया है। जबकि LIC अपनी 30.24% हिस्सेदारी बेचेगा। यह भारत में पब्लिक सेक्टर के किसी बैंक को प्राइवेटाइज करने का पहला प्रयास होगा।
EoIs जमा करने की आखिरी तारीख 16 दिसंबर
IDBI बैंक के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoIs) जमा करने की आखिरी तारीख और समय 16 दिसंबर है। EoIs 180 दिनों के लिए वैध होंगे। इसे 180 दिनों के लिए और बढ़ाया भी जा सकता है।
DIPAM के सेक्रेटरी ने ट्वीट कर लिखा, ‘IDBI बैंक में विशिष्ट भारत सरकार और LIC हिस्सेदारी के स्ट्रैटेजिक डिसइनवेस्टमेंट के साथ मैनेजमेंट कंट्रोल के ट्रांसफर के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट इनवाइट किए गए हैं।’ यहां डिसइनवेस्टमेंट का मतलब सरकार के स्वामित्व वाली संपत्तियों का लिक्विडेशन और सेल करना है।
पिछले साल केंद्र ने बैंक से बाहर निकलने का फैसला किया था
पिछले साल केंद्र सरकार ने IDBI बैंक से बाहर निकलने का इरादा साझा किया था। बैंक मई 2017 से मार्च 2021 तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) ढांचे के तहत था। मार्च 2021 में RBI ने वित्तीय प्रदर्शन में सुधार को देखते हुए IDBI बैंक को अपने बढ़े हुए एनहांस्ड रेग्युलेटरी सुपरविजन PCA ढांचे से हटा दिया था।
इसके बाद कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स ने अपने स्ट्रैटेजिक डिसइनवेस्टमेंट और मैनेजमेंट कंट्रोल के ट्रांसफर पर सहमति व्यक्त की थी। सरकार ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के सेक्शन-22 के तहत IDBI बैंक को लाइसेंस देने के लिए IDBI (ट्रांसफर ऑफ अंडरटेकिंग एंड रिपील) एक्ट 2003 में संशोधन किया है।
खाता धारकों पर क्या असर होगा?
बैंक में सरकार और LIC के हिस्सा बेचने से खाता धारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उनकी जमा पूंजी पहले की तरह की बैंक में सुरक्षित रहेगी। उन्हें उसी दर से ब्याज, एफडी पर इंटरेस्ट मिलता रहेगा।
BEML-IDBI बैंक समेत इन कंपनियों को बेचेगी केंद्र सरकार
IDBI बैंक की सेल्स फाइनेंशियल ईयर 2013 में सेंटर के 65,000 करोड़ रुपए के डिसइनवेस्टमेंट टारगेट में योगदान देगी। यह पहले ही 24,544 करोड़ रुपए जुटा चुकी है, जिसमें से अधिकांश मई में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC को लिस्टिंग कर रही है।
केंद्र सरकार BEML, शिपिंग कॉर्प, कॉनकोर, विजाग स्टील, IDBI बैंक, NMDC के नगरनार स्टील प्लांट और HLL लाइफकेयर जैसी कई कंपनियों को बेचने का लक्ष्य बना रही है।
केंद्र सरकार का कंपनियों के प्राइवेटाइजेशन पर जोर
केंद्र सरकार ने कंपनियों के प्राइवेटाइजेशन पर जोर दिया है और प्राइवेट सेक्टर को इन्वेस्टमेंट के अवसरों का पता लगाने के लिए कहा है। जिसमें कहा गया है कि डिसइनवेस्टमेंट को फिस्कल मैनेजमेंट के बजाय सुधार के रूप में देखा जाना चाहिए।