रांची। राज्य सरकार युवाओं को उच्च शिक्षा हेतु कम दर पर शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने के लिए गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना को लागू करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।
राज्य सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एचडीएफएसी बैंक को कॉर्पस बैंक के रूप में चयनित किया है। योजना के क्रियान्वयन को लेकर राज्य सरकार, कॉर्पस बैंक, ऋण देनेवाले बैंकों तथा संस्थानों के बीच करार होगा।
विभाग ने तैयार किया प्रारूप
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना का क्रियान्वयन वेब पोर्टल के माध्यम से होगा। वेब पोर्टल तैयार करने से लेकर उसके संचालन की जिम्मेदारी कॉर्पस बैंक की होगी।
इधर, राज्य सरकार ने इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए पूर्व में जारी संकल्प में थोड़ा संशोधन किया है। संशोधन में कुछ तथ्यों को अच्छी तरह स्पष्ट भी किया गया है।
अधिकतम 15 लाख रुपये तक का मिलेगा ऋण
इस योजना के तहत छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए अधिकतम 15 लाख रुपये तक का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें 30 प्रतिशत राशि छात्र-छात्राओं के रहने एवं अन्य खर्च के लिए होगी।
यह ऋण चार प्रतिशत साधारण ब्याज की दर से उपलब्ध कराया जाएगा। शेष ब्याज का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। राज्य सरकार शत-प्रतिशत ऋण का गारंटर भी होगी।
कोर्स पूरा होने के एक वर्ष बाद कर सकेंगे वापसी
ऋण वापसी के लिए अधिकतम समय सीमा 15 वर्ष निर्धारित की गई है। इसमें पाठ्यक्रम अवधि तथा उसके एक वर्ष बाद की अवधि मिलाकर होगी। छात्रों के पास यह विकल्प होगा कि वह पाठ्ययक्रम पूरा होने के एक वर्ष बाद से ऋण वापसी करें।
ऋण के लिए बैंक द्वारा किसी प्रकार का प्रोसेसिंग शुल्क नहीं लिया जाएगा। चार लाख रुपये तक कोई भी मार्जिन मनी का प्रावधान नहीं होगा। इससे अधिक राशि के लिए ऋण का पांच प्रतिशत मार्जिन मनी होगा।
100 के अंदर रैंक वाले संस्थानों के लिए मिलेगा ऋण
इस योजना के तहत वैसे संस्थानों में पढ़ाई के लिए ऋण मिलेगा, जिनका एनआइआरएफ में ओवरआल रैंकिंग 200 के अंदर हो। साथ ही संबंधित श्रेणी जैसे विश्वविद्यालय, कॉलेज, प्रबंधन, इंजीनियरिंग आदि में उसकी रैंकिंग 100 के अंदर हो।
नैक ए या इससे ऊपर ग्रेड वाले संस्थानों में भी पढ़ाई के लिए ऋण मिलेगा। राशि डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी, पोस्टर डाक्टोरल, अनुंसधान की पढ़ाई के लिए मिलेगी।