इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से इमरान खान को दी गई राहत पर सवाल उठाया और उन्हें सर्वोच्च अदालत का ‘लाडला’ करार दिया। उन्होंने कहा कि इसके ‘दोहरे मानक’ पाकिस्तान में न्याय की मौत का कारण बने हैं। इमरान खान को बड़ी राहत देते हुए पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नाटकीय अंदाज में की गई उनकी गिरफ्तारी को ‘गैर कानूनी’ और ‘अवैध’ करार दिया और उन्हें तुरंत रिहा करने के आदेश दिए थे। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को 17 मई तक इमरान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
इमरान खान को गत मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट (IHC) के परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया था। बुधवार को एक अदालत ने अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उन्हें आठ दिन की रिमांड पर राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को सौंप दिया था। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान को मिली राहत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शरीफ ने कहा, ‘यह और कुछ नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) है।’
‘लाडले का पक्ष लेना है तो डकैतों को रिहा कर दें’
शहबाज ने कहा, ‘जब वह (इमरान) कल अदालत में उपस्थित थे, तो मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आप को देखकर अच्छा लगा। और उन्होंने यह भ्रष्टाचार के एक मामले में कहा।’ शहबाज ने शुक्रवार को संघीय कैबिनेट को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर आप इस लाडले का पक्ष लेते रहना चाहते हैं, तब तो आपको देश की जेलों में बंद सभी डकैतों को भी रिहा कर देना चाहिए। सभी को इसका फायदा मिले।’ इमरान को राहत देने के लिए शहबाज सरकार लगातार पाकिस्तान के चीफ जस्टिस पर निशाना साध रही है।
‘नवाज शरीफ को क्यों नहीं मिली राहत?’
शहबाज ने पूछा कि यह नरमी उनके भाई पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अन्य नेताओं के प्रति क्यों नहीं दिखाई गई जिन्हें इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते गिरफ्तार किया गया था। इमरान खान शनिवार तड़के लाहौर के जमान पार्क स्थित अपने घर पहुंचे। वह जमानत मिलने के 8 घंटे बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट से रवाना हुए थे। इमरान के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ता लाहौर में रातभर से उनका इंतजार कर रहे थे।