इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने 2023 में ग्लोबल इकोनॉमी ग्रोथ कम होने की वॉर्निंग जारी की। इससे वैश्विक मंदी आ सकती है। IMF चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि 2026 तक वर्ल्ड इकोनॉमी 4 ट्रिलियन डॉलर (करीब 3.30 लाख अरब रुपए) के रिकॉर्ड डिग्रोथ तक पहुंच जाएगा।
IMF ने फ्यूचर वर्ल्ड इकोनॉमी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। 2022 में जहां इकोनॉमी 3.2% रेट से डेवलप हो रही है। 2023 में वह 2.9% की ग्रोथ से ही बढ़ेगी।
सिचुएशन बुरी तरह बिगड़ रही
IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर जॉर्जीवा गुरुवार को जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी पहुंची थीं। यहां उन्होंने कहा कि इकोनॉमी सुधरने के बजाय बुरी तरह से बिगड़ते हुए नजर आ रही है।
IMF चीफ ने कहा कि वर्ल्ड इकोनॉमी अगर इसी रेट से बढ़ी तो जल्द ही दुनिया को एक बार फिर रिसेशन का सामना करना पड़ सकता है। इससे फाइनेंशियल इनस्टेबिलिटी आएगी।
इन कारणों से आएगी मंदी
कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और क्लाइमेट डिजास्टर के कारण वर्ल्ड इकोनॉमी का ग्रोथ बुरी तरह प्रभावित हुआ। चीन, यूरोप और अमेरिका जैसे बड़े देशों की इकोनॉमी भी इन्हीं कारणों के चलते धीरे होने लगी है। जिसके चलते विकसित देशों से एक्सपोर्ट कम होने लगा। इसी का असर दुनिया में बढ़ती महंगाई के रूप में नजर आने लगा है।
IMF की एनुअल मीटिंग होगी नेक्स्ट वीक
अगले सप्ताह वॉशिंगटन में IMF और वर्ल्ड बैंक की एनुअल मीटिंग होगी। मीटिंग में दुनियाभर के देशों से फाइनेंस मिनिस्टर और सेंट्रल बैंकर्स पहुंचेंगे। वे रूस-यूक्रेन युद्ध किस तरह आने वाले टाइम में वर्ल्ड इकोनॉमी पर गहरा असर छोड़ेगा, जैसे इकोनॉमी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
पॉजिटिव ग्रोथ भी मंदी के संकेत
जॉर्जीवा ने कहा कि वर्ल्ड इकोनॉमी के एक तिहाई देश 2023 के शुरुआती 6 महीनों में डेवलपमेंट रेट को घटते हुए देखेंगे। पॉजिटिव इकोनॉमी ग्रोथ होने के बाद भी बढ़ती महंगाई से मंदी आने के आसार रहेंगे। अगर हमने इसे रोकने के लिए तेजी से कदम नहीं बढ़ाए तो नतीजे खतरनाक हो सकते हैं।