इस्लामाबाद: पाकिस्तान को कर्ज मिलने में हो रही देरी पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का दर्द छलक आया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सरकार से बेलआउट कार्यक्रम शुरू करने से पहले हर कदम पर गारंटी देने को कह रहा है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में एक सत्र के दौरान बोलते हुए इमरान खान की पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने आईएमएफ के साथ किए गए समझौते का उल्लंघन किया था और अब वह हमसे गारंटी मांग रहा है। उन्गोंने जोर देकर कहा कि हमें पाकिस्तान को डिफॉल्ट से बचाने के लिए चौबीसों घंटे काम किया है। हम भी भी कर्ज की अलगी किश्त के लिए आईएमएफ के साथ बातचीत कर रहे हैं।
पाकिस्तान से गारंटी की मांग कर रहा आईएमएफ
24 मार्च को, आईएमएफ ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ अगला कदम उठाने के लिए यह निश्चित करने की आवश्यकता है कि सभी शर्तों को पूरा किया गया हो। एक प्रेस कांफ्रेंस में आईएमएफ के स्ट्रैटजिक कम्यूनिकेशन डायरेक्टर जूली कोजैक ने कहा कि बाहरी भागीदारों से समय पर वित्तीय सहायता, अधिकारियों के नीतिगत प्रयासों का समर्थन करने और पाकिस्तान के साथ समीक्षा के सफल समापन को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को मदद से पहले पर्याप्त वित्तपोषण को सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में कुछ बचे हुए मुद्दों पर सहमित बनने के बाद कर्मचारी स्तर का समझौता होगा।
इशाक डार को अब भी कर्ज मिलने की उम्मीद
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि मित्र देशों से पाकिस्तान के साथ अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरी करने की अपेक्षा की गई थी, जो आईएमएफ के साथ समझौते को फाइनल करने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। पाकिस्तान जानता है कि अगर आईएमएफ से बेलआउट पैकेज नहीं मिला तो उसका डिफॉल्ट होना तय है। एक बार डिफॉल्ट घोषित होने के बाद विदेशों से मिलने वाले दूसरे कर्जों का भी रास्ता बंद हो सकता है। ऐसा हुआ तो पाकिस्तान के लिए आर्थिक संकट से उबरना और ज्यादा कठिन हो सकता है। ऐसे में पाकिस्तान हर कीमत पर आईएमएफ डील को पाना चाहता है।
शहबाज ने इमरान पर किया हमला
शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी संसद में इमरान खान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पाकिस्तान पर कर्ज बढ़ाने, संविधान का उल्लंघन करने और विदेश नीति को नुकसान पहुंचाने के लिए इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया। शहबाज ने काह कि हमने मित्र देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने में पिछले 11 महीने बिताए हैं। उन्होंने कहा कि इमरान ने कोई भी वादा पूरा नहीं किया और इसके परिणामस्वरूप सफेदपोश कार्यकर्ता भी मुफ्त और सब्सिडी वाले गेहूं के आटे के लिए लाइनों में खड़े हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पर आतंकवादियों को शरण देने का भी आरोप लगाया, जिसकी वजह से पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में तेजी आई। उन्होंने कहा कि इमरान को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए।