देहरादून: मई महीने में जब मैदानी जिलों में गर्मियां लोगों को परेशान करने लगती है और राज्य में चारधाम यात्रा की भी शुरुआत हो जाती है. ऐसे समय में प्रदेश के हिल स्टेशन और यात्रा रूट खाली दिखाई दे रहे हैं. ना तो पर्यटक पहाड़ों पर प्रकृति का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं और ना ही चारधामों में ही भीड़ भाड़ दिखाई दे रही है.




पर्यटन को हो रहा नुकसान: बात नैनीताल की करें तो यहां पर भी पर्यटकों की मौजूदगी पिछले सालों की तुलना में कुछ कम ही है. वैसे तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन एक कारण पिछले दिनों यहां हुई हिंसक घटना भी हैं. हालांकि राज्य सरकार ने नैनीताल को लेकर स्थितियां सामान्य होने का संदेश भी दिया है. लेकिन घटना ने पर्यटन को नुकसान पहुंचा है. उधर हाल ही में भारत-पाकिस्तान तनाव ने भी पर्यटकों के कदम यहां पहुंचने से रोके हैं.
लोग पर्वतीय क्षेत्रों में आने से कर रहे परहेज: नैनीताल की तरह ही मसूरी में भी यह समय ऐसा होता है, जब पर्यटक आना पसंद करते हैं और यहां पर्यटकों की भारी संख्या आने के कारण देहरादून तक में भी ट्रैफिक का दबाव दिखने लगता है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं दिख रहा और मसूरी में कारोबारी फिलहाल भारी नुकसान झेल रहे हैं. इसके पीछे की एक वजह अप्रत्याशित मौसम भी है. दरअसल, प्रदेश में इस समय भारी गर्मी व लगातार बारिश का सिलसिला जारी है.
होटल में बुकिंग हुई कैंसिल: इसके कारण भी उम्मीद के अनुसार अभी मैदानी जिलों में भी तापमान नहीं पहुंच पाया है, उधर बारिश के दौरान भी लोग पर्वतीय क्षेत्रों में आने से परहेज करते हैं. यही स्थिति देहरादून की भी है, यहां होटल व्यवसाय मुसीबत में दिखाई देते हैं, देहरादून के जाने-मानें होटल के एमडी मनु कोचर बताते हैं कि फिलहाल 70% तक की होटल में बुकिंग कैंसिल की जा चुकी है. हालांकि इसके पीछे वह सबसे बड़ी वजह भारत पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को वजह मानते हैं.
टिहरी जिले में टिहरी झील पर पैराग्लाइडिंग का काम करने वाले पवन बताते हैं कि पिछले कई दिनों से लगातार पर्यटक यहां नहीं पहुंच रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि सोमवार को छुट्टी होने के कारण कुछ पर्यटक पहुंचे हैं लेकिन अब भी पर्यटकों का उन्हें इंतजार है.
पवन, साहसिक खेल व्यवसायी
बदलता मौसम भी बन रहा वजह: वैसे तो उत्तराखंड के तमाम पिकनिक स्पॉट पर कुछ पर्यटक पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें लगातार मौसम बदलने का भी खतरा महसूस हो रहा है. इसके अलावा वह कहते हैं कि उनके कई जानकार है जो भारत पाकिस्तान की तनाव के चलते उत्तराखंड नहीं आ पा रहे हैं. टिहरी झील पर आने वाली पर्यटक रहती है कि उनके कुछ साथी बेंगलुरु से आने वाले थे, लेकिन उन्होंने अपनी बुकिंग कैंसिल करवाई है.
चारधाम यात्रा में भी भीड़ कम: चारधाम यात्रा की बात करें तो यहां भी श्रद्धालुओं की संख्या कम हुई है, जहां एक तरफ साल 2024 में चारधाम यात्रा के पहले सप्ताह में ही ₹398 000 तीर्थ यात्री पहुंच गए थे तो वहीं इस बार पहले हफ्ते में आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या केवल 293000 के करीब रही है. जिससे साफ है कि इस बार युद्ध के हालात समेत दूसरे विभिन्न कर्म के चलते यात्रा प्रभावित हो रही है.
