इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इस समय आर्थिक के साथ-साथ गंभीर राजनीतिक संकट भी देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उनके समर्थकों ने पूरे देश में बवाल काटा था। अब इमरान खान को एक बार फिर डर है कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। इमरान खान ने बुधवार को सभी पक्षों को बैठने और बात करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए ट्वीट किया, ‘मेरी अगली गिरफ्तारी से पहले शायद मेरा आखिरी ट्वीट, पुलिस ने मेरे घर को घेर लिया है।’ इस बीच पुलिस ने माल रोड से जमान पार्क (इमरान खान आवास) की ओर जाने वाले ट्रैफिक को रोक दिया है।
‘अभी भी समय है’
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा, ‘अभी भी समय है। बात करें और समझदारी से इस संकट से बाहर निकलें। यही एकमात्र समाधान है।’ उनका यह बयान सेना से डर को दिखाता है। दरअसल 9 मई की हिंसा में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला हुआ था। इसे लेकर जनरल असीम मुनीर ने कहा है कि इसमें शामिल लोगों पर आर्मी एक्ट के तहत मुकदमा चलेगा। इमरान को डर है कि सेना उन पर शिकंजा कसने के लिए मुकदमा चला सकती है। सेना के डर से ही इमरान की पार्टी को लोग छोड़ रहे हैं। पीटीआई कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने को लेकर उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों को अगर लगता है कि उनकी यह ट्रिक काम करेगी तो वह गलत सोच रहे हैं। वह ये देख लें।’ यह कहते हुए उन्होंने अपने हाथ में सर्वे से जुड़ा एक कागज थामा हुआ था। उंगली दिखाते हुए कहा 70 फीसदी लोग पीटीआई को पसंद करते हैं।
हिंसा के आरोपों से बनाई दूरी
उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टी, जिसकी लोकप्रियता 70 फीसदी हो आप उसे खत्म नहीं कर सकते। पीडीएम केवल पीटीआई के खिलाफ सेना को खड़ा करना चाहती है। सभी को यह समझना चाहिए कि क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि सेना और पीटीआई के बीच संघर्ष से देश को नुकसान होगा। इमरान ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिंसा नहीं की है, बल्कि उसे रोका है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने मियांवाली के जहाज चौक पर लड़ाकू विमान के मॉडल को जलाने से लोगों को रोका था, लेकिन उपद्रवी नहीं रुके। हमने कई ऐसे लोगों को देखा जो पार्टी से नहीं जुड़े। हम इसकी जांच के लिए हाईकोर्ट जाएंगे।