*श्रद्धा और आस्था के साथ बड़ा खिलवाड़…भगवान श्रीराम को प्रचार का साधन बना रहे सत्तालोभी…*
*आम जनमानस में भारी आक्रोश… कहीं उल्टा न पड़ जाए दांव…*
*विकास के मुद्दों को लेकर नहीं… भगवान श्रीराम के नाम पर मांगें जा रहे वोट… आख़िर कैसे लगेगी नैय्या पार…*
*चित्रकूट.* बांदा चित्रकूट संसदीय क्षेत्र में विकास के नाम पर नहीं बल्कि आस्था और श्रद्धा के नाम पर वोट पाने की जुगत में प्रत्याशी लगे हुए हैं वह विकास के नाम पर नहीं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम पर वोट मांगते हुए दिखाई दे रहे हैं इन सत्तालोभियों द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को प्रचार का साधन बना दिया गया है जिसे देखो वही यही राग अलाप रहा है कि हम भगवान श्रीराम को लाए हैं…
मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट में हमारा जन्म हुआ है यहीं पर हमने अपना बचपन गुजारा है यहीं पर हमें सिखाया गया है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने अपने पिता के वचनों का पालन करने के लिए लगभग बारह वर्ष का वनवास काटा था जिसमें सबसे ज्यादा समय चित्रकूट में ही व्यतीत किया था उन्हीं गुरुजनों और आदर्शों के बताने पर हमें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जीवनगाथा सुनने को मिली l
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट लोगों की आस्था व श्रद्धा का केन्द्र बना हुआ है जहां पर पूरे बारह माह श्रद्धालुओं का आवागमन होता है यहां पर श्रद्धालु आते हैं और भगवान मत्यगजेंद्र नाथ के दर्शन कर कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करते हैं यह परम्परा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है धर्मनगरी चित्रकूट अन्य कई ऋषि मुनियों की तपोस्थली है जहां पर ऋषि मुनियों द्वारा सैकड़ों वर्षों तक तपस्या की गई जिसकी गाथा आज भी सुनने को मिल रही है l
लेकिन कुछ सत्तालोभियो द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को प्रचार का साधन बनाया जा रहा है जो अपने द्वारा कराए गए विकास कार्यों को नहीं गिना रहे हैं बल्कि आस्था और श्रद्धा से खिलवाड़ करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम पर वोट मांगते हुए नज़र आ रहे हैं l
सत्ताधारी दल के नेता भी जब प्रचार प्रसार के लिए आते हैं तो वह भी विकास कार्यों के मुद्दों से दूर भगवान श्रीराम के नाम पर वोट मांगते हुए दिखाई देते हैं जबकि उन्हें यह तक नहीं पता होता है कि धर्मनगरी चित्रकूट का इतिहास क्या है l
वर्तमान समय की राजनीति का स्तर लगातार गिरता हुआ नज़र आ रहा है एक समय ऐसा हुआ करता था कि सभी राजनैतिक दल विकास के मुद्दों और आम जनता से जुड़े मुद्दों पर वोट मांगते हुए नज़र आते थे लेकिन आज हालात बिलकुल बदल गए हैं जिसे देखो वह जाति और धर्म की राजनीति करता हुआ नज़र आ रहा है कोई किसी को जाति के बहाने घेर रहा है तो कोई धर्म के नाम पर वोट मांगते हुए नज़र आ रहा है l
विभिन्न दलों के राजनैतिक लोग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए नज़र आ रहे हैं यह नेता एक दूसरे को चोर,लुटेरा,भ्रष्टाचारी आदि कहकर आम जनता के बीच वाहवाही लूटने का काम करते हैं जबकि हकीकत यह है कि एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाने वाले नेता ख़ुद भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं l
बांदा चित्रकूट संसदीय क्षेत्र कांग्रेस,सपा,बसपा व भाजपा सहित अन्य दलों से सांसद विधायक चुने गए हैं यहां के जनप्रतिनिधियों द्वारा विकास कार्यों के नाम पर ख़ूब लूट की गई है जिन नेताओं के पास पहनने के लिए सही तरीके के कपड़े नहीं थे आने जाने के लिए साधन नहीं थे, किराए के घर में रहकर राजनीति की शुरुआत की और जनप्रतिनिधि बनने के बाद करोड़ों रुपए की चल अचल संपत्तियां अर्जित की और लग्जरी गाड़ियों के मालिक बन बैठे हैं आज वही लोग भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देख रहे हैं यह सपना देखने से पहले यह जनप्रतिनिधि पहले अपना गिरेबान झांक कर देखें तभी भ्रष्टाचार मुक्त भारत सही तरीके से दिखाई देगा l
विकास के मुद्दों से दूर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम पर वोट मांगने वाले सत्ताधारी दल के प्रत्याशी द्वारा बार बार माफ़ी मांगते हुए नज़र आना बहुत बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहा है उनके जेहन में यह डर सताने लगा है कि कहीं दांव उल्टा न पड़ जाए और करारी शिकस्त का सामना करना पड़े इसी लिए माफ़ी मांगते हुए यह कहा जा रहा है कि मेरे गुनाहों की सजा योगी मोदी को न देना…
राजनीति में आरोप प्रत्यारोप लगते रहते हैं एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए नेताओं द्वारा कई तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं लेकिन सभी राजनैतिक दलों के नेताओं व प्रत्याशियों से यह मांग करते हैं कि चुनाव विकास के मुद्दों और आम जनता के मुद्दों पर लड़ो, जाति और धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह मत करो…
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को प्रचार प्रसार का साधन न बनाकर आस्था और श्रद्धा का केन्द्र रहने दो