अरविंद/बोकारो। सीआईडी टीम अब अपराधियों और नक्सलियों की संपत्ति के बारे में पता लगाएगी। संगठित अपराध को अंजाम देने वालों वालों का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। पलामू, रामगढ़, गढ़वा, हजारीबाग, लातेहार, चतरा, धनबाद, जमशेदपुर और देवघर समेत कई जिले संगठित अपराध के मुख्य केंद्र हैं।
इसलिए, जिलों की सीआईडी टीम अपराधियों का ब्योरा निकालने में जुट गई है। अपराधियों की पूरी संपत्ति की जानकारी ली जाएगी। इसके लिए पैन और आधार कार्ड के नंबर की गहनता से जांच की जाएगी। अपराधी व नक्सली जिस मोबाइल नंबर का प्रयोग कर रहे हैं, उन पर भी पैनी नजर है।
इससे उनके सहयोगियों तक पहुंचने में सहुलियत होगी। जेलों में बंद सक्रिय अपराधी मोबाइल से गिरोह का संचालन कर रहे हैं। ऐसे सभी मोबाइल नंबर को खोजकर उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में अपराध अनुसंधान विभाग के डीजी अनुराग गुप्ता ने आदेश जारी किया है।
पोक्सो कांडों में वैज्ञानिक तरीके से जांच का आदेश
डीजी ने आदेश दिया कि सीआईडी जिलों में अनुसंधान हो रहे कांडों की नोडल एजेंसी है। पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों में सीआईडी देखे कि अनुसंधान की गुणवत्ता प्रभावित न हो। वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान करना जरूरी है।
पीड़ित को न्याय मिले इसके लिए सीआईडी को विशेष नजर रखनी है। जिला पुलिस को ऐसे मामलों में दिशा निर्देश से लेकर परामर्श देने का आदेश भी उन्होंने दिया है।
संवेदनशील घटनाओं की जानकारी तुरंत देने का आदेश
डीजी ने यह भी आदेश दिया है कि संवेदनशील घटनाओं की तुरंत जानकारी जुटाकर सीआईडी कंट्रोल रूम से लेकर वरीय अधिकारियों को देना है। सुपारी हत्या, संवेदनशील डकैती, लूट, फिरौती के लिए अपहरण, पोक्सो कांड, मादक द्रव्य की बरामदगी, साइबर अपराध से विधि व्यवस्था प्रभावित होती है।
क्राइम मीटिंग में भी सीआईडी अधिकारियों को शामिल होने का आदेश उन्होंने दिया है। लापरवाही पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई।
मादक पदार्थों की बरामदगी पर भी पूछताछ
मादक पदार्थों की बरामदगी की सूचना भी तुरंत देनी है। ऐसे मामलों में पकड़े गए आरोपितों से जिला पुलिस से समन्वय बनाकर पूछताछ करने को कहा गया है। अपराधियों की जड़ तक पहुंचकर अंतिम कड़ी को गिरफ्तार किया जाएगा।