नई दिल्ली: भारत में गाड़ियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वह जापान का पछाड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वीकल मार्केट (third largest vehicle market) बन गया है। सेमीकंडक्टर चिप की कमी के बावजूद पिछले साल यानी 2022 में भारत में 42.5 लाख से अधिक गाड़ियां बिकीं। यह चीन और अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा संख्या है। कोरोना काल के बाद लोगों में पर्सनल वीकल की मांग बढ़ी है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के मुताबिक पिछले साल जनवरी से नवंबर तक देश में 41.3 लाख गाड़ियां बिकीं। इनमें पैसेंजर और कमर्शियल वीकल्स शामिल हैं। SIAM कमर्शियल वीकल्स के बारे में तिमाही आधार पर आंकड़े जारी करती है। उसने अब तक अक्टूबर-तिमाही के आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
कौन है नंबर वन
चीन दुनिया के सबसे बड़ा वीकल बाजार है। वहां पिछले साल 2.675 करोड़ गाड़ियां बिकी जो 2021 की तुलना में 1.7 फीसदी अधिक हैं। इसी तरह अमेरिका में पिछले साल 1.389 करोड़ गाड़ियां बिकीं जो 2021 की तुलना में 7.8 फीसदी अधिक हैं। 2021 में चीन में 2.627 करोड़ गाड़ियां बिकी थीं जबकि चीन में 1.54 करोड़ और जापान में 44.4 करोड़ गाड़ियां बिकी थीं। अगर टाटा मोटर्स और कमर्शियल वाहनों की बिक्री भी जोड़ी जाए तो भारत में पिछले साल गाड़ियों की बिक्री जापान से कहीं अधिक रही।
चीन 2006 में जापान को पछाड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वीकल मार्केट बना था और फिर 2009 में उसने अमेरिका को भी पछाड़ दिया था। 2018 में भारत में 44 लाख गाड़ियां बिकी थीं लेकिन 2019 में यह संख्या 40 लाख रह गई थी। कोरोना के फैलने के बाद 2020 में यह संख्या 30 लाख से भी नीचे आ गई थी। लेकिन 2021 में यह संख्या एक बार फिर 40 लाख के पार पहुंच गई थी। सेमीकंडक्टर चिप की कमी से 2021 में गाड़ियों का प्रॉडक्शन प्रभावित हुआ था। पिछले साल के शुरुआती महीनों में भी चिप की कमी आड़े आई थी।