नई दिल्ली: भारत रूस से इस समय रेकॉर्ड सस्ता तेल खरीद रहा है। भारत ने मौके का फायदा उठाया है और इससे बंपर मुनाफा कमा रहा है। दरअसल रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस पर पश्चिमी देशों ने कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। पश्चिमी देश रूस का बॉयकॉट कर रहे हैं। यूरोपियन यूनियन (EU) ने पिछले साल दिसंबर में रूस को यूक्रेन हमले की सजा देने के लिए रूसी क्रूड ऑयल (Russian Crude Oil) पर प्रतिबंध लगा दिया था। इन प्रतिबंधों के बीच रूस ने सस्ती दरों पर क्रूड ऑयल बेचना शुरू कर दिया है। इसका फायदा भारत के साथ चीन ने उठाया है।
तेल कंपनियां क्यों कम नहीं कर रहीं रेट
देश में पेट्रोल-डीजल के दामों (Petrol-Diesel Prices) में पिछले कई महीनों से बदलाव नहीं हुआ है। बाजार में तेल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। करीब 345 दिन हो चुके हैं जब से पेट्रोल-डीजल की कीमतें चेंज नहीं हुई हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेल कंपनियों को प्रति लीटर पर 10 रुपये से ज्यादा का मुनाफा हो रहा है। भारत भले ही रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीद रहा हो, लेकिन पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतें कम नहीं हुई हैं। तेल की कीमतें कम नहीं करने के पीछे एक वजह बताई जा रही है। दरअसल मार्च 2022 में जब क्रूड ऑयल की कीमत सबसे ज्यादा प्रति बैरल 140 डॉलर हो गई थी। एक लीटर पेट्रोल पर कंपनियों को रिकॉर्ड 17.4 रुपये और डीजल पर 27.7 रुपये घाटा होता था। तब पेट्रोल-डीजल की कीमत नहीं बढ़ाई गई थी। इस वक्त उसी घाटे की भरपाई हो रही है।
हो चुकी है नुकसान की भरपाई
कंपनियों ने अप्रैल से सितंबर 2022 के बीच 21,201 करोड़ रुपये के नुकसान होने की बात कही थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेल कंपनियों ने दिसंबर 2022 तक इस घाटे की भरपाई कर ली थी। दिसंबर 2022 में भारतीय तेल कंपनियों ने सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल रूस से खरीदा था। इससे पहले अक्टूबर और नवंबर में भी रूस से ही सबसे ज्यादा तेल भारत आया था। दिसंबर में भारत ने हर दिन औसतन 11 लाख 90 हजार बैरल क्रूड ऑयल रूस से खरीदा था। इससे एक साल पहले दिसंबर 2021 में भारत प्रतिदिन 36,255 बैरल तेल ही रूस से खरीदता था।