साथ काम करने की क्षमता
इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य सकारात्मक सैन्य संबंधों का निर्माण करना, एक-दूसरे की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को अपनाना और संयुक्त राष्ट्र के शासनादेश के तहत शहरी और अर्ध-शहरी माहौल में कंपनी-स्तरीय उप-पारंपरिक संचालनों को करते हुए एक साथ काम करने की क्षमता को बढ़ावा देना है। इसके अलावा दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन, भाईचारा, और मैत्रीपूर्ण संबंधों को विकसित करना भी है। इस अभ्यास के दायरे में बटालियन स्तर पर कमांड पोस्ट अभ्यास (सीपीएक्स ) और कंपनी स्तर पर क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास (एफटीएक्स) करना शामिल है।
क्या-क्या होगा युद्धाभ्यास में
इस युद्धाभ्यास के दौरान, प्रतिभागी विभिन्न सिम्युलेटेड स्थितियों में अपने परिचालन कौशल का परीक्षण करने वाले विभिन्न मिशनों में भाग लेंगे। इसके अलावा वे अपने सामरिक अभ्यासों का प्रदर्शन करेंगे तथा एक-दूसरे के परिचालन अनुभव से जानकारी हासिल करेंगे। युद्धाभ्यास अजेय वॉरियर-23 भारतीय सेना और ब्रिटिश सेना के बीच रक्षा सहयोग में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक बढ़ावा देगा।
11 मई तक चलेगी एक्सरसाइज
भारत और इंग्लैंड की सेनाओं के बीच हो रहे संयुक्त युद्धाभ्यास का यह 7वां संस्करण है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 27 अप्रैल से शुरू होकर यह युद्धाभ्यास 11 मई तक जारी रहेगा। सैलिसबरी मैदान, यूनाइटेड किंगडम में इसका आयोजन किया जा रहा है। युद्धाभ्यास अजय वॉरियर भारत का यूनाइटेड किंगडम के साथ द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो कि यूनाइटेड किंगडम और भारत में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाता है। इस अभ्यास का पिछला संस्करण अक्टूबर 2021 में उत्तराखंड के चौबतिया में आयोजित किया गया था।