अमेरिका के कैलिफोर्निया की अदालत में 60 वर्षीय भारतीय मूल के सिख नेता को एक बार फिर अदालत में सुनवाई के लिए पेश किया गया। उन्हें कैलिफोर्निया के प्रमुख गुरुद्वारे को जलाने की साजिश रचने के आरोप में चार मार्च को गिरफ्तार किया गया था।
पूर्व बेकर्सफील्ड नगर परिषद उम्मीदवार राजवीर सिंह गिल को 17 अगस्त को प्रारंभिक सुनवाई के लिए पेश किया गया था। सूत्रों के अनुसार, चार मार्च को बेकर्सफील्ड के सबसे बड़े सिख पूजा स्थलों में से एक, गुरुद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह जी खालसा दरबार को जलाने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उन पर गुरुद्वारा जलाने के अलावे अन्य लोगों पर गोली चलाने का भी आरोप है।
राजवीर सिंह गिल को एक प्रस्ताव के लिए 31 अगस्त को केर्न काउंटी अदालत में वापस आने की उम्मीद है। वह पांच और छह अक्तूबर को प्रारंभिक सुनवाई के लिए भी अदालत में पेश होंगे। उन्होंने पिछले साल एक अन्य भारतीय मूल की उम्मीदवार मनप्रीत कौर के खिलाफ सिटी काउंसिल वार्ड-7 के लिए चुनाव लड़ने का प्रयास किया था। कौर यह चुनाव जीतकर बेकर्सफील्ड नगर परिषद के लिए पहली सिख महिला बनी।
मनप्रीत कौर ने चुनाव जीतने के बाद कहा, ‘मुझे आरोपों की जानकारी है। मुझे यकीन है कि बेकर्सफील्ड पुलिस विभाग हमारे समुदाय को सुरक्षित रखने के लिए काम करेगी। यह खबर काफी ज्यादा डराने वाला है। उन्होंने कहा, ‘उसने (राजवीर सिंह गिल) इस घटना को अंजाम देने के लिए कुछ लोगों को अपने साथ जोड़ा था। जिन लोगों को उसने अपने साथ जोड़ा था, उन्होंने ही आकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस जांच के लिए आई और हमने उन्हें सबकुछ बताया।’
एक अन्य व्यक्ति सुखविंदर सिंह रांघी ने बार-बार टकराव की वजह आठ लाख डॉलर से जुड़े विवाद को बताया, जिसे कि सम्मेलन में सदस्यो के द्वारा जुटाया गया था और इसे एक कॉरपोरेट संस्थान द्वारा मंदिर के अधिग्रहण के लिए लगाया जाना था। रंगी ने बताया कि गिल ने मंडली के कुछ नेताओं को मारने के लिए दो हिस्पैनिक लोगों को 10,000 अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी।