नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को मॉनसून का पूर्वानुमान जारी कर दिया है। अनुमान में बताया गया है कि इस साल भी मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना है। मॉनसून के चार महीनों (जून से सितंबर) में देश भर में 83.5 एमएम बारिश होने की संभावना जताई गई है। यह भी कहा जा रहा है कि जून-जुलाई में अच्छी बारिश होगी, जबकि अगस्त-सितंबर में अल नीनो का असर दिख सकता है। इससे इन दो माह में बारिश के कम होने की संभावना है। बता दें कि इससे पहले कंपनी स्काईमेट ने अपने पूर्वानुमान में कहा था कि इस साल बारिश सामान्य से कम रहने की संभावना है।
मॉनसून में होगी सामान्य से ज्यादा बारिश
बता दें कि सामान्य तौर पर इन चार महीनों में 87 सेंटीमीटर बारिश होती है। मौसम विभाग के अनुसार मॉनसून में इस बार 96 प्रतिशत तक बारिश होगी। 96 से 104 प्रतिशत बारिश को सामान्य माना जाता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम रविचंद्रन ने बताया कि मॉडल में पांच प्रतिशत गलती की गुजाईश होती है। उन्होंने कहा कि अन नीनो का प्रभाव मॉनसून के आधा सीजन बीतने के बाद देखने को मिलेगा। यह प्रभाव भी गंभीर नहीं होगा बल्कि मध्यम होगा। IMD के डीजी मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि ऐसा नहीं है कि अल नीनो की वजह से मॉनसून पर विपरीत असर ही पड़ता है। उन्होंने बताया कि 1951 से 2022 के बीच 15 सालों में मॉनसून के दौरान अन नीनो का प्रभाव रहा है। इन 15 सालों में छह साल मॉनसून सामान्य या इससे अधिक रहा है।
अल नीनो के बावजूद क्यों रहेगा मॉनसून सामान्य
मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि अल नीनो मॉनसून पर भले विपरीत असर डालता है। लेकिन 2023 में मॉनसून के दौरान पॉजिटिव आईओडी (इंडियन ओशयन डायपोल) की स्थिति रहेगी। इसमें पूर्वी हिंद महासागर पश्चिमी हिंद महासागर की सतह से गर्म होता है। यह मॉनसून के लिए अच्छा माना जाता है। इसके अलावा उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया मे फरवरी और मार्च के दौरान कम बर्फ देखने को मिली है। इसका भी मॉनसून पर अच्छा असर पड़ेगा है।