नई दिल्ली: अभी उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इसलिए आप छत में लटके सीलिंग फैन (Ceiling Fan) की तरफ ध्यान भी नहीं दे रहे हैं। लेकिन जैसे ही अप्रैल आएगी, पंखे की तरफ आपका ध्यान चला जाएगा। हम आपके काम की एक बात हम बता रहे हैं। अब आप चाहे सीलिंग फैन खरीदिए या टेबल फैन या फर्राटा फैन, सबकी कीमत बढ़ने वाली है। इस तरह के पंखे 20 फीसदी तक महंगे हो सकते है। हालांकि इस प्रोडक्ट से आपकी जेब पर शुरू में भले ही बोझ पड़े, लेकिन इसे चलाना सस्ता पड़ेगा। क्योंकि ये पंखे एनर्जी एफिसिएंट हैं। इन्हें चलाने पर बिजली की 30 से 50 फीसदी तक बचत होगी।
एक जनवरी से स्टार रेटिंग अनिवार्य
आप यदि जागरूक ग्राहक हैं तो स्टार रेटिंग (Star Rating) से जरूर परिचित होंगे। आप रेफ्रिजरेटर या एसी आदि पर स्टार लेबल देखा होगा। अभी तक यह पंखे में अनिवार्य नहीं था। लेकिन इस साल एक जनवरी से बिजली से चलने वाले पंखों को भी इसके दायरे में शामिल कर लिया गया है। मतलब कि अब बिजली से चलने वाले पंखे भी बिजली की कम खपत करेंगे। हालांकि, इसे बनाने का खर्च बढ़ जाएगा। इसलिए अब सीलिंग फैन के दाम में आठ से लेकर 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
क्या है स्टार रेटिंग
भारत सरकार का संगठन Bureau of Energy Efficiency (BEE) ने एनर्जी एफिशिएंट उपकरणों के लिए स्टार रेटिंग की शुरुआत की है। यह संगठन इलेक्ट्रिकल अप्लायंस पर आमतौर पर 1 से 5 स्टार तक की रेटिंग देती है। किसी उपकरण पर जितना ज्यादा स्टार, उतना एनर्जी एफिसिएंट। सबसे उच्चतम रेटिंग 5 है, जिसका अर्थ है सर्वोत्तम गुणवत्ता। उसी तरह 1 या 2 की निम्नतम रेटिंग का अर्थ है निम्न गुणवत्ता, कम कीमत।
बिजली के पंखे आ गए इस दायरे में
बीईई ने जो संशोधित मानक लागू किया है, उसके मुताबिक अब बिजली से चलने वाले पंखों पर स्टार रेटिंग दी जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि एक स्टार रेटिंग वाला पंखा न्यूनतम 30 प्रतिशत बिजली की बचत करता है जबकि पांच स्टार वाला पंखा 50 प्रतिशत से अधिक बिजली बचा सकता है। इसलिए पंखे की कीमत यदि 20 फीसदी बढ़ भी जाती है तो यह जीवन भर आपके पैसे बचाएगा।
देश में बिजली से चलने वाले पंखे का बाजार करीब 10,000 करोड़ रुपये का है। Indian Fan Manufacturers Association (IFMA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस सेगमेंट में 200 से अधिक कंपनियां सक्रिय हैं। दिल्ली, अंबाला, कोलकाता आदि शहरों में बिजली से चलने वाले पंखे कुटीर उद्योग की तरह हैं। इन शहरों में कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां घर घर पंखे बनाने का काम होता है।