नई दिल्ली : भारत में महंगी गाड़ियों की बिक्री (Sale of expensive Cars) तो काफी बढ़ रही है। लेकिन एंट्री लेवल कारों और बाइक्स की सेल घट रही है। इसके कई कारण है। गाड़ियां नियामकीय और उत्सर्जन से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने के चलते महंगी होती जा रही हैं। दूसरी तरफ मध्यम वर्ग महंगाई की मार के चलते उतने पैसे खर्च नहीं कर पा रहा है। मिनी कारों या 3,600 एमएम से नीचे की कारों की बिक्री 7 साल पहले के अपने पीक ईयर्स की तुलना में 57% डाउन है। वहीं, एंट्री लेवल मोटरसाइकिल की बिक्री साल 2017-18 के पिछले पीक से 38 फीसदी डाउन है। इसके अलावा स्कूटर्स की बिक्री 27 फीसदी डाउन है। इंडस्ट्री बॉडी सियाम (SIAM) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
एंट्री लेवल पर नहीं मिल रहे ग्राहक
यहां तक कि मोपेड की बिक्री में भी पिछले 5 वर्षों में 50 फीसदी की गिरावट देखी गई है। यह दिखाता है कि एंट्री लेवल के वाहनों को ग्राहक नहीं मिल रहे हैं। जबकि लग्जरी और प्रीमियम कारों सहित महंगी मोटरसाइकिलों व स्कूटर्स की सेल्स अच्छी ग्रोथ कर रही है। पिछले कुछ वर्षों से यह ट्रेंड मजबूत हुआ है। इससे ऑटो इंडस्ट्री के एक वर्ग के बीच डर पैदा हो गया है। एक इंडस्ट्री के अधिकारी ने बताया कि एक आम आदमी वास्तव में गाड़ी खरीदने में सक्षम नहीं है।
ऑल्टो, एस-प्रेसो की बिक्री घटी
सियाम के आंकड़ों के अनुसार, मिनी कारों की बिक्री में मारुति ऑल्टो, मारुति एस-प्रेसो और रेनॉल्ट क्विड हावी रहती हैं। इनकी सेल्स 2016-17 के आखिर में 5.8 लाख यूनिट थी, जो अब घटकर 2.5 लाख यूनिट रह गई है। कंपनियां चिंतित हैं और कहती हैं कि इस ट्रेंड को ठीक करने की जरूरत है।
3 साल में 25% बढ़ी कीमतें
मारुति सुजुकी के डायरेक्टर (सेल्स और मार्केटिंग) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में एंट्री लेवल पर कारों की कीमत में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। जबकि संभावित खरीदारों की आय के स्तर में बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘इस कैटेगरी के ग्राहक कीमत को लेकर काफी सेंसिटिव होते हैं। साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी लोगों के कार खरीदने के निर्णय को प्रभावित किया है।’ मारुति सुजुकी के सीटीओ सीवी रमन ने कहा कि इंडस्ट्री पर दबाव है, क्योंकि एंट्री लेवल कैटेगरी की सेल्स नहीं बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘स्थिरता और कार्बन तटस्थता के लिए छोटी कारें भी महत्वपूर्ण हैं।’ हालांकि, उन्होंने माना कि कंपनियां वहीं जाएंगी, जहां ग्राहक हैं। उन्होंने कहा, ‘हम वहां जाएंगे जहां वॉल्यूम हैं।’
35% बढ़ गई हैं टू-व्हीलर्स की कीमतें
देश की सबसे बड़ी टू-व्हीलर मेकर हीरो मोटो के मुख्य विकास अधिकारी रंजीवजीत सिंह ने भी कहा कि कीमतें बढ़ने से ग्रामीण बाजार प्रभावित हुए हैं। कंपनी की 50 फीसदी बिक्री ग्रामीण क्षेत्र से होती है। दोपहिया उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि नियमों में बदलाव के कारण सेगमेंट में कीमतों में 35% की वृद्धि हुई है। क्योंकि उत्सर्जन और सुरक्षा मानक सख्त हो गए हैं। जबकि ग्राहकों के लिए बीमा देनदारियां बढ़ गई हैं।