नई दिल्ली: आजाद भारत में साल 1951 में जब सिविल सेवा की परीक्षा के नतीजे घोषित हुए, तब सफल होने वाले छात्रों की सूची में एक महिला का नाम था। महिला की सफलता के साथ ही देश के इतिहास के पन्नों में यह घटना हमेशा के लिए दर्ज हो गई। सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले पहले भारतीय गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर थे, लेकिन सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाली पहली भारतीय महिला अन्ना राजम मल्होत्रा थीं। अन्ना राजम मल्होत्रा का जन्म केरल के एर्नाकुलम जिले में 17 जुलाई 1924 में हुआ था। चेन्नई स्थित मद्रास विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रशासनिक सेवा में जाने का फैसला लिया और सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी। अपनी मेहनत के दम पर पहले ही प्रयास में 1951 में सिविल सेवा परीक्षा पास की। इस सफलता के साथ ही देश की पहली महिला आईएएस अफसर बनकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवाया। अन्ना राजम ने मद्रास कैडर से ट्रेनिंग ली।
अन्ना राजम से जुड़ा यह किस्सा काफी फेसम
अन्ना राजम मल्होत्रा जब IAS का इंटरव्यू देने पहुंचीं तो बोड मेंबर ने उन्हें सिविल सर्विस में न आने की नसीहत दी। उनसे विदेश सेवा और केंद्रीय सेवा में कोई और विकल्प सेलेक्ट करने के लिए कहा गया। लेकिन अन्ना ने ऐसा करने से मना कर दिया। अन्ना ने इंटरव्यू तो पास कर दिया। लेकिन जब सर्विस में ज्वाइनिंग मिली तो अप्वाइंटमेंट लेटर पर लिखा था कि शादी हो जाने पर आपको निलंबित किया जा सकता है। इस बात से वह परेशान नहीं हुईं। यह नियम कुछ सालों बाद बदल गया, जिसके बाद उन्होंने शादी की।
सेवा काल में इंदिरा से राजीव गांधी तक का शासन शामिल
अन्ना राजम ने अपने सेवा काल में देश के दो प्रधानमंत्रियों और सात मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया। उनकी सेवा काल में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का शासन भी शामिल है। 1982 में दिल्ली में एशियाई खेलों का आयोजन हुआ। उस दौरान अन्ना राजम मल्होत्रा एशियाई खेलों की प्रभारी के तौर पर कार्यरत थीं। अन्ना राजम मल्होत्रा ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय में भी अपनी सेवा दी थी।
पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित
रिटायरमेंट के बाद अन्ना राजम मल्होत्रा ने प्रसिद्ध होटल लीला वेंचर लिमिटेड के डायरेक्टर पद पर कार्य किया। बाद में देश की सेवा करने के लिए अन्ना राजम मल्होत्रा को साल 1989 में भारत सरकार ने पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया।
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