नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एनडीपीएस मामले में सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच ऐजेंसी छोटे किसानों, ड्रग्स पैडलर को पकड़ती हैं। वहीं ऐजेंसी इंटरनैशनल लेवल पर ड्रग्स सिंडिकेट चलाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं करतीं। सुप्रीम कोर्ट ने एनडीपीएस मामले में आरोपी को जमानत देते हुए उक्त टिप्पणी की।
मौजूदा मामला मध्यप्रदेश का है।आरोपियों के पास से अफीम की बरामदी का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट में आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप छोटे और मामूली ड्रग्स पैडलर को तो पकड़ लेते हैं लेकिन असल और बड़े पैडलर्स को नहीं। जो लोग बड़े ड्रग्स पैडलर हैं और सिंडिकेट चलाते हैं उन्हें भी तो पकड़ें।
मौजूदा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में आरोपी पांच साल जेल काट चुका है और इस मामले में अधिकतम 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है। अफीम की बरामदगी खेत से हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के वकील की दलील को दरकिनार करते हुए आरोपी को जमानत दे दी। शीर्ष अदालत ने केंद्र और जांच ऐजेंसी बड़ी मछलियों को पकड़ने में ज्यादा इंट्रेस्ट नहीं रखती है लेकिन वह सिर्फ छोटी मछलियों और किसानों को पकड़ने में व्यस्त है। कोई खेत में तो कोई बस स्टॉप पर है तो उसे पकड़ती है लेकिन इंटरनैशनल ड्र्ग्स सिंडिकेट चलाने वालों को नहीं पकड़ती।