नई दिल्ली: मार्च में भले ही शेयर बाजार में उठा-पटक जारी रही, लेकिन बावजूद इसके इक्विटी फंड्स में Systematic Investment Plan (SIP) के जरिए निवेश करने वाले रिटेल निवेशकों का भरोसा पूरी तरह कायम रहा। यही वजह रही कि मार्च महीने में म्यूचुअल फंडों में SIP के जरिए होने वाला निवेश पहली बार 14,276 करोड़ रुपये रहा। फरवरी में SIP के जरिए होने वाला निवेश 13,686 करोड़ रुपये पर था। इस दौरान उत्साहित इंडस्ट्री ने 22 नए प्लान्स विभिन्न कैटिगरी में लॉन्च किए।
गुरुवार को AMFI की ओर से जारी किए गए मार्च महीने के लिए म्यूचुअल फंड्स डेटा में यह रिटेल निवेशकों का रुझान सामने आया। AMFI के अनुसार मार्च महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की ओपन एंडेड स्कीमों में निवेश 31 पर्सेंट बढ़ कर 20,534 करोड़ रुपये पर रहा। यह एक साल का सबसे उच्च स्तर है। गौरतलब है कि फरवरी में इक्विटी फंड्स में कुल 15,657 करोड़ रुपये का इन्फ्लो आया था।
-डेट और हाइब्रिड फंडों में भारी बिकवाली : डेट कैटेगरी पर नजर डालें तो फाइनेंशियल बिल में टैक्स नियमों में बदलाव के बाद निवेशकों का फोकस लंबी अवधि के फंडों की तरफ हो गया है। डेट और हाइब्रिड फंडों में भारी बिकवाली के चलते ओपन इंडेड म्यूचुअल फंडों से मार्च महीने में 21693.91 करोड़ रुपये की निकासी हुई। लिक्विड फंड्स से 56924 करोड़ रुपये की निकासी हुई। मार्च में डेट फंड्स से कुल 56884.13 करोड़ रुपये की निकासी की गई। मनी मार्केट फंड्स से 11421 करोड़ रुपये और अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स से 10280.76 करोड़ रुपये की निकासी की गई।
-कॉर्पोरेट बॉण्डों में आया 15,626 करोड़ का इन्फ्लो : डेट फंडों की बात करें तो कॉर्पोरेट बॉण्ड फंड्स में 15,626 करोड़ रुपये का सबसे ज्यादा इन्फ्लो दर्ज किया गया। इसके बाद बैंकिंग और PSU Fund में 6,496.25 करोड़ रुपये, गिल्ड फंड्स में 4,430.57 करोड़ रुपये और डायनामिक बॉण्ड फंड्स में 5,660.75 करोड़ रुपये का इन्फ्लो दर्ज किया गया।
मंदी की ताजा चिंताओं के चलते अमेरिकी शेयर बाजारों में बुधवार को भारी गिरावट के बावजूद घरेलू बाजार अच्छे इकनॉमिक रुझानों के चलते नौंवे दिन तेजी के साथ बंद हुए। रिटेल महंगाई में कमी के बीच बैंक, फाइनैंशल और मेटल शेयरों में खरीदारी के दम पर कारण Sensex 38.23 अंक की मामूली बढ़त के साथ 60,431 अंक पर बंद हुआ। वहीं Nifty 15.60 अंक चढ़कर 17,828 अंकों पर बंद हुआ। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च हेड अजीत मिश्रा ने कहा, ‘सपाट शुरुआत के बाद IT कंपनियों के कमजोर रुख के कारण Nifty में गिरावट आई। हालांकि, प्रमुख कंपनियों विशेष रूप से बैंक शेयरों की खरीदारी से नुकसान की भरपाई हुई और Index लगभग स्थिर बंद हुए।’ जियोजित फाइनैंशल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘देश में रिटेल महंगाई घटकर 5.66 प्रतिशत पर आ गई। इससे रिजर्व बैंक के नीतिगत दर में बदलाव न करने के फैसले को समर्थन मिला है।’
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