नई दिल्ली : जल्द ही दो सरकारी आईपीओ (IPO) आने वाले हैं। केंद्र सरकार दो पीएसयू (PSU) इकाइयों के आईपीओ की तैयारी कर रही है। ये पीएसयू ईसीजीसी लिमिटेड (ECGC Ltd) और भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (IREDA) हैं। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2023 के बीच इनके आईपीओ आ सकते हैं। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘काम चालू हो गया है। आईपीओ वित्त वर्ष 2024 में आ सकता है। हम एक अर्ली टाइमलाइन की कोशिश कर रहे हैं।’ लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने बताया, ‘शुरुआत में योजना वित्त वर्ष 2023 में अपेक्षाकृत छोटी कंपनियों को सूचीबद्ध करने की थी। लेकिन सरकार निवेशकों से अच्छा रिस्पांस चाहती थी। इसलिए इसे अगले वित्त वर्ष में ले जाने का फैसला किया गया।’
मई 2022 में आया था एलआईसी का आईपीओ
इससे पहले मई 2022 में सरकार एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) लेकर आई थी। यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ रहा था। इस आईपीओ में पब्लिक शेयर सेल ओवरसब्सक्राइब्ड हुई थी। इस आईपीओ से सरकार ने एलआईसी में 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 20,516 करोड़ रुपये जुटाए थे। लेकिन एलआईसी का शेयर (LIC Share Price) लिस्टिंग के बाद से करीब 25 फीसदी से अधिक गिर गया है। यह 949 रुपये की लिस्टिंग प्राइस से गिरकर 703 रुपये प्रति शेयर पर आ गया है।
क्या करती है ईसीजीसी
ईसीजीसी पूरी तरह केंद्रीय पीएसयू कंपनी है। यह निर्यातकों को क्रेडिट रिस्क इंश्योरेंस और उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार से जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध कराती है। इस कंपनी को सितंबर 2021 में कैबिनेट ने 5 साल में 4,400 करोड़ रुपये निवेश करने की अनुमति दी थी।
क्या है सरकार का लक्ष्य?
केंद्र सरकार की योजना कैपिटल इन्फ्यूजन और आईपीओ के जरिए ईसीजीसी की अंडरराइटिंग कैपेसिटी 88,000 करोड़ तक बढ़ाना है। साथ ही पांच साल में 5.28 लाख करोड़ से अधिक का अतिरिक्त निर्यात का लक्ष्य है। साथ ही सरकार का लक्ष्य 2.6 करोड़ अतिरिक्त फॉर्मल सेक्टर वर्कर्स सहित 590 मिलियन (59 करोड़) नई नौकरियां पैदा करना है।
मिनी रत्न कंपनी है आईआरईडीए
आईआरईडीए एक मिनी रत्न कंपनी है। कैबिनेट ने साल 2019 में इसकी लिस्टिंग के लिए मजूरी दी थी। जनवरी, 2022 में इसने 1500 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश को मंजूरी दी थी। इससे अक्षय उर्जा क्षेत्र को अतिरिक्त 1200 करोड़ रुपये देने में मदद मिलेगी। साथ ही 3500-4000 मेगावाट की अतिरिक्त कैपेसिटी के साथ कर्ज की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। आईपीओ से सीपीएसई को हर साल 10,200 नौकरियां पैदा करने में मदद मिलेगी। साथ ही करीब 7.49 मिलियन टन के बराबार CO2 उत्सर्जन में कटौती करने में मदद मिलेगी।