9 महीने के हाई पर विदेशी मुद्रा भंडार
देश के विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें, तो यह नौ माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। RBI की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 7 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार यानी फॉरेक्स रिजर्व 6.3 अरब डॉलर बढ़कर 584.75 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पहले 31 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह के बाद यह भंडार 578.45 अरब डॉलर हो गया था। उस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 3.2 अरब डॉलर की तेजी आई थी। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे सप्ताह बढ़ा है। उक्त अवधि में भारत का स्वर्ण भंडार यानी गोल्ड रिजर्व 1.49 अरब डॉलर अधिक होकर 46.69 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
IMF ने इसलिए घटाया ग्रोथ अनुमान
इंटरनैशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के एशिया एवं प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्ण श्रीनिवासन का कहना है कि भारत की GDP ग्रोथ के अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5.9 फीसदी करने के पीछे की मुख्य वजह घरेलू खपत में आ रही सुस्ती और आंकड़ों में हुए संशोधन हैं। IMF ने पिछले मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के GDP ग्रोथ पूर्वानुमान को घटा दिया था। इसके साथ ही IMF ने कहा कि भारत इस गिरावट के बावजूद दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती इकॉनमी बना रहेगा। श्रीनिवासन ने कहा कि भारत के GDP अनुमान में कटौती के पीछे मुख्य रूप से दो कारक रहे हैं। पहला कारण है, घरेलू खपत की ग्रोथ में आ रही हल्की सुस्ती। दूसरा कारण साल 2019 से 2020 में आंकड़ों का संशोधन है जिससे आर्थिक स्थिति पता चलती है। महामारी से पहले स्थिति कहीं बेहतर थी। हालांकि, भारतीय इकॉनमी पर महामारी का प्रभाव हमारी सोच से कहीं अधिक सीमित था और सुधार अधिक सशक्त रहा है। जहां तक जोखिम का सवाल है तो एक बार फिर यह मामला सीधे तौर से अमेरिका एवं यूरोप की इकॉनमी में सुस्ती से जुड़ा हुआ है। रिजर्व बैंक की ओर से रीपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला रोकने पर श्रीनिवासन ने कहा कि मौजूदा समय में 6.5% की ब्याज दर काफी हद तक एक तटस्थ नीतिगत रुख है जो हमारी राय में भारत की आर्थिक स्थितियों के लिहाज से टिकाऊ है।