उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में पुलिस की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक सब-इंस्पेक्टर ने चोरी का आरोप जज पर ही लगा दिया. इतना ही नहीं वो कार्रवाई के लिए उनके घर तक पहुंचा. दअरसल कोर्ट की ओर से एक फरार आरोपी राजकुमार उर्फ पप्पू को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया गया था.




दरअसल, आदेश का अनुपालन करने के लिए एसआई बनवारीलाल ने दस्तावेज को या गलत पढ़ा, या फिर ध्यान से नहीं पढ़ा. उसने आरोपी की बजाय मजिस्ट्रेट नगमा खान का नाम ही नाम मुख्य आरोपी के तौर पर दर्ज कर लिया. इतना ही नहीं एसआई बनवारीलाल कोर्ट के आदेश को गैर जमानती वारंट समझ बैठा और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नगमा खान को तलानशने निकल गया. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब मामले की फाइल कोर्ट में पेश की गई.
कोर्ट ने जांच में जुटे एसआई को जमकर फटकारा
एसआई ने कोर्ट में कहा कि आरोपी नगमा खान घर पर नहीं मिलीं. उसके खिलाफ आगे के निर्देश जारी किए जाएं. फिर कोर्ट ने मामले की जांच में जुटे एसआई को जमकर फटकारा. कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आदेश को जांच अधिकारी ने ठीक से देखा ही नहीं. अधिकारी को प्रकिया के बारे में ही नहीं पता. उसे ये भी नहीं पता की आदेश किसके खिलाफ है. अधिकारी की ये गंभीर गलती बताती है कि एक पुलिस अधिकारी के रूप में उसका कामकाज कितना खराब है.
दिए जांच के आदेश
कोर्ट ने कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि एसआई को अपने कर्तव्यों का कुछ पता नहीं है. ऐसे पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई आवश्यक है. अगर ऐसे पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो ये किसी के अधिकरों को भी कुचल सकते हैं. कोर्ट ने आईजी को जांच के निर्देश दिए हैं. मामले में आरोपी एसआई को एसएसपी ने लाइन हाजिर कर दिया है. उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है.
