मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी कोशिश है कि बेटियों की जिन्दगी में कोई कमी नहीं रहे। बेटी को बोझ नहीं वरदान समझा जाए। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा बेटियों की प्रगति के लिए अनेक योजनएँ संचालित की जा रही हैं। परिवार और समाज को बेटी के विवाह में कोई परेशानी न हो और विवाह संस्कार पूर्ण उल्लास आनंद के वातावरण में संपन्न हो, इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना आरंभ की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान खुरई सागर में हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में निवास कार्यालय से वर्चुअली शामिल हुए। सम्मेलन में खुरई से नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने परिणय-सूत्र में बंध रहे 699 जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यही कामना है कि सभी नव-दम्पत्ति का जीवन सुख से बीते और सभी के जीवन में रिद्धी-सिद्धी आए। ससुराल जाने वाली बेटियाँ प्रसन्न रहे और नव विवाहित दम्पत्ति अपने आचरण और व्यवहार से दोनों परिवारों का मान-सम्मान बढ़ाएँ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेटियों की जिन्दगी बदलने के लिए ही प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना, पढ़ाई में सहायता के कार्यक्रम तथा अन्य प्रोत्साहन योजनाएँ लागू की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय विकास और आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह विकास पुरूष हैं, वे खुरई सहित संपूर्ण प्रदेश के विकास के लिए निरंतर सक्रिय और समर्पित रहते हैं।
सम्मेलन में 673 विवाह और 26 निकाह संपन्न हुए, जो 111 पंडित और 5 काजी द्वारा कराए गए। परिणय-सूत्र में बंध रहे प्रत्येक जोड़े के खाते में 49 हजार रूपये आरटीजीएस से अंतरित किए गए। सागर सांसद श्री राजबहादुर सिंह, विधायक बीना श्री महेश राय, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद श्रीमती नन्नी बाई अहिरवार, जनपद अध्यक्ष श्री जमना प्रसाद अहिरवार तथा जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।