खार्तूम: सूडान में इस समय हालात बेहद ही खराब हैं और हर दिन संकट बढ़ता जा रहा है। इसके बीच ही अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने इस बात की जानकारी दी है कि सूडान के गृहयुद्ध में दो विरोधी ताकतों ने तीन दिन के युद्धविराम पर सहमति जताई है। एंटनी ब्लिंकन के मुताबिक 48 घंटों तक चली बातचीत के बाद सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) 24 अप्रैल की आधी रात से शुरू होकर 72 घंटे तक चलने वाले संघर्षविराम पर सहमति जताई है। इस ऐलान के बाद वहां पर फंसे भारतीयों को निकालना आसान हो सकेगा। भारत ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू किया है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एजेंसियों के मुताबिक संघर्षविराम के पिछले प्रयास 10 दिनों की लड़ाई के दौरान असफल रहे थे। सूडान में जारी युद्ध के चलते अब तक कम से कम 427 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही और 3,700 से ज्यादा लोग घायल हैं। ब्लिंकन की घोषणा के कुछ घंटे पहले, यूएन के मुखिया एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी थी कि लड़ाई पूरे क्षेत्र और उससे आगे की जगहों को भी अपनी चपेट में ले सकती है। गुटेरेस ने कहा कि सूडान को इस स्थिति से निकालने के लिए सभी को अपनी ताकत के मुताबिक सब कुछ करना होगा। ब्लिंकन के ऐलान के मुताबिक तीन दिनों के युद्धविराम का मकसद एक लंबी अवधि वाले युद्धविराम पर बातचीत करना था।
सूडान में सहायता पहुंचाने वाली एजेंसियों ने बताया है कि अचानक शुरू हुए युद्ध के और तेज होने की वजह से यहां फंसे सूडानी नागरिकों को भोजन, पानी और दवा की सख्त कमी का सामना करना पड़ रहा है। न्यूज एजेंसी एएफपी ने डॉक्टरों के संगठन के मुखिया अत्तिया अब्दुल्ला के हवाले से लिखा है कि सड़कों पर लाशें बिछी हुई हैं और मुर्दाघर भी भरे हुए हैं।
भारत ने लॉन्च किया ऑपरेशन कावेरी
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार द्वारा ऑपरेशन कावेरी अभियान का ऐलान किया है। उन्होंने सोमवार को बताया कि लोगों को सुरक्षित लाने का काम शुरू हो चुका है। इसकी निगरानी के लिए विदेश राज्यमंत्री वी.मुरलीधरन को वहां भेजा जा रहा है। अमेरिका ने भी अपने उन नागरिकों को सूडान से बाहर निकलने की सुविधा मुहैया कराना शुरू कर दिया है जो देश आना चाहते हैं।