जबलपुर
नामीबिया में जन्मे आठ चीतों की हरकत से लेकर उनके स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर के वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट मदद करेंगे। इसके लिए नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के वाइल्डलाइफ फारेंसिक एंड हेल्थ स्कूल के तीन सदस्यों की टीम बनाई गई है। टीम के सदस्य चीतों की क्वारंटाइन सुविधा, कूनो नेशनल पार्क में उनके स्वास्थ्य और व्यवहार की निगरानी रखेंगे। केंद्र सरकार के अनुरोध पर विश्वविद्यालय द्वारा इस टीम का गठन किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एसपी तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के स्वास्थ्य पर नजर रखने और उनकी हरकत का विश्लेषण करने के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय के इस टीम में डा. देवेंद्र पोढाडे, डा. सोमेश सिंह और डा. केपी सिंह को शामिल किया है।
गौरतलब है कि इस साल 17 सितंबर को दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से देश में बड़ी बिल्ली को फिर से लाने की महत्वाकांक्षी पहल के तहत आठ चीतों को राज्य में भेजा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को छोड़ा गया था। अधिकारियों के अनुसार इस महीने की शुरुआत में तीन चीतों – ओबान, एल्टन, फ्रेडी को उनके क्वारंटाइन क्षेत्र से राष्ट्रीय उद्यान में अनुकूलन बाड़े में ले जाया गया। ओबैन को 18 नवंबर को संगरोध क्षेत्र से पांच वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले बड़े बाड़े में छोड़ा गया था, जबकि एल्टन और फ्रेडी को पांच नवंबर को अनुकूलन बाड़े में ले जाया गया था।