गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के बाद मप्र में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। मप्र की राजनीति के केन्द्र में अभी आदिवासी वर्ग प्रमुख है। सत्ताधारी बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों दल आदिवासी वर्ग को लुभाने के लिए जोर-आजमाईश कर रहे हैं। इधर आदिवासी वर्ग के सबसे चर्चित संगठन ‘जयस’ यानि जय आदिवासी युवा शक्ति भी मप्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है।
जयस के राष्ट्रीय संयोजक डॉ.हीरालाल अलावा आज आदिवासी, दलित और ओबीसी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रणनीति बनाएंगे। इस बैठक में जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ.हीरालाल अलावा मुख्य अतिथि शामिल होंगे। कार्यक्रम में रीवा के पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में समता समाधान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक पवार मुख्य वक्ता होंगे। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के नेता तौकीर अली निजामी इस बैठक में बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे।
प्रीतम लोधी भी होंगे कार्यक्रम में शामिल
कथावाचकों पर विवादित बयान देने के चलते बीजेपी से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी भी इस संगोष्ठी परिचर्चा बैठक में शामिल होंगे। दैनिक भास्कर से चर्चा में प्रीतम लोधी ने कहा कि आज समाज के पिछड़े, दलित और आदिवासी वर्ग को एक साथ आने का समय है। भोपाल में आयोजित बैठक में वे भी शामिल होंगे। और आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाएंगे। मालूम हो कि बीजेपी से निष्कासित होने के बाद प्रीतम लोधी बीजेपी के खिलाफ मुखर हैं और ओबीसी महासभा के साथ सपा, बसपा, आप, एआईएमआईएम और जयस सहित तमाम राजनैतिक दलों को एक साथ लाकर विधानसभा चुनाव की बिसात बिछाने में जुटे हैं।
बैठक में ये होंगे शामिल
- प्रहलाद जिराती, प्रदेश अध्यक्ष समता समाधान पार्टी मध्य प्रदेश
- इन्द्रपाल मरकाम, प्रदेश अध्यक्ष जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस संगठन )
- रतनलाल वाथम, राष्ट्रीय अध्यक्ष पिछडा वर्ग संघ
- एपी पटेल, राष्ट्रीय अध्यक्ष अपाक्स
- डॉ. सुरेश सलाम सेवानिवृत क्षेत्रिय प्रबंधक स्वास्थ्य विभाग रीवा
- मोहन सिंह चंदेल पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सिवनी
- जीवन राज द्रविड संस्थापक अध्यक्ष भारत रक्षा दल
- संतोष कमल अध्यक्ष मप्र बेरोजगार सेना
- अंबाराम मालवीय पूर्व जिला पंचायत सदस्य सीहोर
- एडवोकेट रतिराम कंसारिया प्रदेश सलाहकार समता समाधान पार्टी
- राजन कुमार राष्ट्रीय सलाहकार जयस
85 सीटों पर चुनाव प्रत्याशी उतारने की तैयारी
प्रदेश में 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और मनावर से विधायक डॉ.हीरालाल अलावा कहते हैं कि करीब 35 से 40 सीटें ऐसी हैं जहां आदिवासी वोटर जीत-हार तय करते हैं। जयस को आदिवासियों के दलित, ओबीसी और मुस्लिम का साथ मिला तो हम करीब 85 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर चुनाव लड़ेंगे और सरकार में हमारी मुख्य भूमिका होगी। आदिवासी क्षेत्रों में भी यह परंपरा थी कि कुछ गिने-चुने परिवारों के ही लोग चुनाव लड़ते हैं। लेकिन जयस की वैचारिक क्रांति ने युवाओं में राजनैतिक चेतना जगाई है। अब आदिवासी वर्ग के युवा दलों के पीछे नहीं भागेंगे बल्कि, जयस के शिक्षित और जागरुक युवाओं को हम चुनाव लड़ाकर सदन में पहुंचाएंगे।
CM की विधानसभा पर भी जयस की नजर
जयस नेताओं का दावा है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST) के लिए आरक्षित 47 सीटों के अलावा कई ऐसी सीटें हैं जहां आदिवासी वोटर्स अच्छी खासी संख्या में हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र बुधनी, पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया की विधानसभा बमोरी, उद्योग मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव के बदनावर, सुन्दर लाल पटवा की परंपरागत सीट रही भोजपुर के अलावा सिवनीमालवा, कुंडम, मंधाता, सिलवानी, परसवाड़ा, कटनी, बहोरीबंद, विजयपुर, श्योपुर, खातेगांव, महू, देवरी, पवई, सीधी, कोतमा, बरगी, केवलारी, बैतूल, आमला, महेश्वर, सोहागपुर, पिपरिया सहित करीब 35 ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां आदिवासी वोटर्स की संख्या निर्णायक है। जयस ओबीसी, दलित और मुस्लिम संगठनों के साथ मिलकर इन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है।
जयस को मिला माझी समाज का साथ
आदिवासी वर्ग के चर्चित विधायक डॉ.हीरालाल अलावा ने नया दांव खेला है। हीरा अलावा ने मांझी समाज के साथ बैठक कर प्रदेश की 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। भोपाल के गांधी भवन में आयोजित मांझी आदिवासी महासंघ के कार्यक्रम में अलावा ने कहा मप्र में दो करोड़ से ज्यादा आदिवासी समाज है। यदि माझी, मछुआ, मल्लाह, केवट, रैकवार समाज के लोग साथ खड़े हो जाएं तो हम प्रदेश की 150 सीटों पर अपनी राजनैतिक ताकत दिखाकर मप्र में अपना मुख्यमंत्री बनाने में कामयाब हो सकते हैं।