नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कभी आतंकवादियों का स्थल माना जाने वाला जम्मू-कश्मीर अब ”पर्यटकों का स्थल” बन गया है और 2022 में 22 लाख सैलानियों ने केंद्रशासित प्रदेश का दौरा किया, जो पिछले सर्वाधिक आंकड़े से लगभग चार गुना अधिक है। मंगलवार को जारी गृह मंत्रालय की ‘वर्षांत समीक्षा 2022’ के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में 2018 में आतंकी घटनाओं की संख्या जहां 417 थी, वहीं 2021 में यह संख्या घटकर 229 रह गई। इसमें कहा गया कि 2018 में शहीद होने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या 91 थी, लेकिन 2021 में घटकर यह संख्या 42 रह गई।
आतंकवाद पर सुरक्षाबलों ने पूरी लगाम कसी
मंत्रालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब पथराव की कोई घटना नहीं होती है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार केंद्रशासित प्रदेश में दृढ़ता के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। इसने कहा कि 42,000 से अधिक लोग आतंकवाद के शिकार हुए और दिल्ली में किसी ने इस बारे में नहीं सोचा, लेकिन अब मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद पर सुरक्षाबलों ने पूरी लगाम कस दी है।
मंत्रालय के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में लगभग 54 प्रतिशत, सुरक्षाकर्मियों की मौतों में 84 प्रतिशत और आतंकवादियों की भर्ती में लगभग 22 प्रतिशत की कमी आई है। इसने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत 80,000 करोड़ रुपये की लागत से पनबिजली से संबंधित करीब 63 परियोजनाओं का निर्माण हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि 4,287 करोड़ रुपये की लागत से किरू परियोजना का कार्य प्रगति पर है।