नई दिल्ली: वाडिया समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइंस गो फर्स्ट तमाम कोशिशों के बाद फिर से उड़ान भरने में सफल नहीं हो पाई है। मई 2023 से ही गो फर्स्ट की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई है। भारी कर्ज और नकदी संकट से जूझ रही गो फर्स्ट अब बिकने जा रही है। कंपनी ने आर्थिक संकट से निकलने के लिए कई कोशिशें की, लेकिन सफल नहीं हो सकीं। इंजन की तकनीकी खामी और नकदी संकट के चलते 3 मई से गो फर्स्ट की सभी उड़ानें खड़ी है। अब लग रहा है कि ये विमान नए मालिक के साथ ही टेक ऑफ करेंगी। दरअसल दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही गो फर्स्ट बिकने जा रही है। इस कंपनी को खरीदने के लिए बड़े-बड़े नाम सामने आ रहे हैं। इस रेस में जिंदल पावर लिमिटेड सबसे आगे है।
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक जिंदल पावर ने इसके लिए रुचि की अभिव्यक्ति यानी EOI जमा किया है। ईओआई मतलब बोली प्रक्रिया में पहला कदम। गो फर्स्ट को खरीदने के लिए जिंदल समूह की ओर से ईओआई जमा किया गया है। हालांकि रेस में कई और विदेशी कंपनियां भी हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि जिंदल पावर एकमात्र सफल आवेदक है, जिसकी ईओआई को गो फर्स्ट के लेंडर्स ने स्वीकार किया है। ईओआई सब्मिट करने की अंतिम तारीख 28 सितंबर थी।
भारी कर्ज में डूबी है एयरलाइंस
गो फर्स्ट नकदी संकट से जूझ रही है। एयरलाइंस पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई और डॉयचे बैंकों का करीब 6521 करोड़ रुपए का लोन है। कंपनी नीलामी से ये रकम जुटाना चाह रही है। गो फर्स्ट के दिवालिया होने के बाद से कर्मचारियों, पायलट, क्रू मेंबर्स का भविष्य अधर में लटका है। वाडिया समूह की कंपनी गो फर्स्ट ने खुद NCLT के सामने स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था। आपको बता दें कि फाइनेंशियल दिक्कतों और इंजन संबंधी समस्यओं के चलते गो फर्स्ट ने 3 मई से अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया था। कंपनी ने कई बार कोशिश की परिचालन को शुरू करने की, लेकिन वो सफल नहीं हो सकी। आखिरकार अब कंपनी नीलामी प्रक्रिया से गुजरने जा रही है।