नई दिल्ली: दुनिया की लंबी यात्रा पर निकलने वाले रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास को आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह 52 दिन में करीब 3200 किमी की दूरी तय कर डिब्रूगढ़ पहुंचेगा। इस क्रूज में सफर करने वाले लोगों को फाइव स्टार सुविधाएं मिलेंगी। आइए जानते हैं काशी से डिब्रूगढ़ तक गंगा विलास का सफर किन-किन रास्तों से होकर गुजरेगा। यात्रा का रूट वाराणसी और गाजीपुर होते हुए बक्सर से पटना, मुंगेर और भागलपुर की सुल्तानपुर, बंगाल से बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ तक होगा। इस दौरान अलग-अलग शहरों में इसका लगभग 50 जगहों पर ठहराव होगा।
जानिए गंगा विलास क्रूज का पूरा रूट
क्रूज के पूरे रूट के बारे में जान लीजिए। क्रूज वाराणसी (यूपी), गाजीपुर, बक्सर (बिहार), पटना, सिमरिया, मुंगेर, साहिबगंज (झारखंड), फरक्का (प. बंगाल), कोलकाता, ढाका (बांग्लादेश), गुवाहाटी (असम) और डिब्रूगढ़ (असम) से होकर गुजरेगा। क्रूज गंगा विलास से वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ (बोगीबील) तक 3,200 किलोमीटर की यात्रा होगी। 52 दिनों के सफर में क्रूज भारत व बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा और देश की कई राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों सहित 50 से अधिक विरासत स्थलों पर रुकेगा।
क्रूज में ऐशोआराम का पूरा इंतजाम
क्रूज में ओपन स्पेस, बालकनी, 40 सीटर रेस्टोरेंट रूम और स्टडी रूम है। एसी एंटरटेनमेंट रूम, स्पा सुविधा युक्त सलून और तीन सनडेक हैं। यात्रा उबाऊ न हो, इसके लिए गीत-संगीत, लाइब्रेरी और सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था है। अगर किराए की बात करें तो बनारस से डिब्रूगढ़ तक की यात्रा का प्रति यात्री खर्च 13 लाख रुपये है। वहीं कोलकाता से बनारस तक के 12 दिन की यात्रा का पैकेज 4 लाख 37 हजार रुपये है। चार दिन के इनक्रेडिबल बनारस पैकेज की कीमत 1 लाख 12 हजार रुपये है।
टेंट सिटी में कॉटेज से लेकर शादी-ब्याह के लिए बैंक्वेट हॉल तक
प्रधानमंत्री आज जिस टेंट सिटी का उद्घाटन कर रहे हैं, वह भी सुविधाओं में कम नहीं। इसमें लग्जरी होटल जैसी सुविधाओं वाले 600 स्विस कॉटेज बनाए गए हैं। टेंट को बनारसी साड़ी के डिजाइन, भदोही की खूबसूरत कारपेट, काशी के सिल्क एवं ब्रोकेड उत्पाद, लकड़ी के खिलौने, गुलाबी मीनाकारी, ब्लैक पॉटरी आदि से सजाया गया है। इन कॉटेज में पर्यटकों के लिए स्पा सेंटर, मेडिटेशन सेंटर, फ्लोटिंग बाथ कुंड, कॉन्फ्रेंस हॉल, गेमिंग जोन, लाइब्रेरी और आर्ट गैलरी आदि की व्यवस्था की गई है तो शादी-विवाह के लिए खास तौर पर बनाए गए बैंक्वेट हॉल में बैड बाजा और शहनाई गूंजेगी। पर्यटक मकर संक्रांति (15 जनवरी) से टेंट सिटी में रहना शुरू करेंगे।