रिपोस्टिंग का गढ़ बना चुका तहसील बारा
शंकरगढ़(प्रयागराज) बारा तहसील क्षेत्र में योगी सरकार को बदनाम करने में शंकरगढ़ के कानून गो और लेखपाल कोई कसर नहीं छोड़ रहें हैं । कानूनगों और लेखपाल को जब से शंकरगढ़ की कमान मिली है , तब से भूमाफियाओं व अवैध प्लॉटर वालों की किस्मत चमक गई है । यह आरोप हम नहीं बल्कि शंकरगढ़ क्षेत्र की जनता लगा रही है । शंकरगढ़ के वरिष्ठ समाजसेवी घनश्याम प्रसाद केसरवानी ने राजस्व मंत्रालय को पत्र लिखकर सीधा आरोप लगाया है कि जब से शंकरगढ़ में राजस्व विभाग की कमान लेखपाल दुर्गा प्रसाद व कानून गो अमर सिंह पाल को मिली है । तब से भूमाफियाओं व अवैध प्लाटिंग करने वालों की किस्मत खुल गई है , और ग्राम सभा की भूमि पर अवैध कब्जा बदस्तूर जारी है । और इन भूमाफियाओं को कानूनगों और लेखपाल संरक्षण देने का काम कर रहे हैं । जो इन दिनों कापरी ग्राम सभा की आराजी न. 397,398 नवीन परती भूमि को भूमाफिया अवैध कब्जा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें हैं । तीन दिन पूर्व सैकड़ो मजदूरों से कार्य कराकर 10 घंटो में भूमाफियाओं ने 25 नवम्बर को अवैध कब्जा कर लिया था । जिसकी शिकायत तहसीलदार ,कानून गो और लेखपाल से की गई थी , लेकिन इस और किसी ने ध्यान नहीं दिया , जिसकी वजह से भू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं । शंकरगढ़ में राजस्व विभाग पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी है । बहरहाल कुछ भी हो शंकरगढ़ की जनता तो कानूनगों और लेखपाल के कारनामों से त्राहि – त्राहि कर रही है । आपको बता दे की सुर्खियों में बने रहने वाले लेखपाल दुर्गा प्रसाद का तबादला कई बार हो चुका है , और एक माह भी नहीं बीत पाता और पुनः नियम के विपरीत तहसील बारा में अटैच हो जाता हैं । इस स्थिति में योगी सरकार की छवि धूमिल हो रही है या नहीं इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है , शंकरगढ़ के कानूनगों और लेखपाल लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं , ऐसे कानूनगों व लेखपाल को राजस्व विभाग के उच्चाधिकारी क्यों नहीं हटा रहे हैं इसके पीछे क्या कारण हो सकता है । इस बात को लेकर जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है , बहरहाल अगर राजस्व मंत्रालय भारत सरकार ने मामले को संज्ञान में लिया तो कानूनगों और लेखपाल को हटा ही दिया जाएगा , साथ ही कानूनगों और लेखपाल के खिलाफ जांच की भी फाइल खुल जाएगी । 25 नवम्बर को हुए अवैध कब्जे की शिकायत पर जब तहसीलदार बारा से बात की गई थी तो उन्होंने कहा था कि शंकरगढ़ थाना इंस्पेक्टर को सूचना दे दी गई है । उसके बाद भी अवैध कब्जा नही रुका , अब सवाल यह उठता है कि राजस्व विभाग की मिलीभगत है य पुलिस विभाग के हल्का इंचार्ज की यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा ।