एक सप्ताह पूर्व इस खड़ंजे में खड़े होकर के जेई द्वारा फोटो खिंचवाकर शासन को भेज दी गई रिपोर्ट, नहीं परखी गई गुणवत्ता
कुंभीपुर गांव में तीन नंबर की ईंट लगाकर लगभग 20 लाख रुपए की कीमत से तैयार किया जा रहा नाला
ग्रामीणों ने दिखाया की ईंट से ईंट बजाकर मिट्टी में तब्दील हो जा रहा ईंट
जिला पंचायत के इंजीनियर तथा जेई द्वारा कमीशन खोरी की भेंट चढ़ रहा विकास कार्य– सूत्र
बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया वाली कहावत यहां पूरी तरीके से चरितार्थ होती नजर आ रही है।
समाजसेवी संगठन के अध्यक्ष ने ठाना की खड़ंजा तथा नाला निर्माण कार्य की कराई जाएगी जांच और दोषी ठेकेदारों पर होगी कड़ी कार्रवाही
फतेहपुर। जनपद का चौमुखी विकास इन दिनों भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। जिला पंचायत के माध्यम से होने वाले विकास कार्य में ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का प्रयोग कर सरकार के पैसों का डकारने का कार्य ठेकेदार कर रहे हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अभी हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां सरकार द्वारा दिए गए धनराशि का बंदर बांट किया गया। जानकारों ने बताया कि खागा तहसील के कुंभीपुर ग्राम सभा के भानपुर अपशिष्ट केंद्र के पास 1100 मीटर खड़ंजे लगाने का ठेका सुरेंद्र कंस्ट्रक्शन को दिया गया जिस कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार द्वारा सबसे घटिया ईंट लगाकर खड़ंजे को बनवाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि इतना ही नहीं इस खड़ंजे को यदि उखड़वाकर देखा जाए तो टोटल तीन नंबर की ईट लगाई गई है। वहीं जिला पंचायत की जेई ज्योत्सना मैडम द्वारा इसी खड़ंजे में खड़े होकर फोटो खिंचवाकर शासन को कार्य पूर्ण होने की सूचना भेज दी गई है वहीं जेई द्वारा खड़ंजे की गुणवत्ता को परखने का कोई भी कार्य नहीं किया गया। यह 1100 मी० खड़ंजा लगभग 25 लाख रुपए की लागत से बना है। एक सप्ताह पूर्व 50 प्रतिशत भुगतान भी ठेकेदार को दिया जा चुका है। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार कमीशन की भेंट क्यों चढ़ जाते हैं इंजीनियर तथा जेई, जो निर्माण कार्य की गुणवत्ता परखना भी उचित नहीं समझते। कहीं ना कहीं इन मामलों में इंजीनियर तथा जेई को आंख मूंद कर पैसा पास करने के लिए ठेकेदार द्वारा अच्छा खासा कमीशन दिया जाता है या यह भी कहा जा सकता है कि बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया वाली कहावत यहां पूरी तरीके से चरितार्थ होती नजर आती है।
वहीं जानकारों ने यह भी बताया कि कुंभीपुर गांव में जिला पंचायत द्वारा एक नाला निर्माण का कार्य चल रहा है। जिस कार्य में भी दूसरे ठेकेदार द्वारा टोटल घटिया सामग्री का प्रयोग कराया जा रहा है नाला निर्माण कार्य में सेंवड़ा ईंट का प्रयोग किया जा रहा है जिसे ग्रामीणों ने ईंट का परीक्षण करके खुद दिखाया है। ईंट से ईंट बजाने पर ईंट आपस में भूसे की तरह चोकरा हो जा रही है। ग्रामीणों का यह भी कहना रहा कि उच्च अधिकारी आते हैं और फोटो खिंचवाकर आंख मूंदकर अपनी रिपोर्ट लगाकर ठेकेदार को अभय दान देकर चले जाते हैं। यह नाला निर्माण कार्य भी लगभग 20 लाख रुपए की कीमत से बन रहा है। ग्रामीणों ने तो यह भी बताया कि ऐसे निर्माण कार्य से तो अच्छा है कि बिना निर्माण के ही उनका गुजर बसर हो रहा था। वहीं जब इस मामले की जानकारी जिला पंचायत के इंजीनियर दिनेश सिंह को दी गई तो उन्होंने मामले को ऐसे बताया कि जैसे वह इस मामले से अनभिज्ञ हों परंतु यह तो तय है की रोटी के टुकड़े की तरह बराबर ठेकेदार द्वारा बांटा जा रहा है कमीशन। वहीं इस मामले पर जनपद के एक समाज सेवी संगठन के अध्यक्ष ने यह बताया कि भानपुर गांव के अपशिष्ट केंद्र पर लगे खड़ंजे तथा कुंभीपुर गांव में हो रहे नाला निर्माण कार्य की शिकायत वह जनपद के जिलाधिकारी से लेकर सूबे के मुखिया तक पहुंचा कर खड़ंजे तथा नाला निर्माण कार्य में लगी सामग्री की वह गुणवत्ता से जांच करवाएंगे और भ्रष्ट ठेकेदारों के ऊपर कानूनी कार्रवाई कराते हुए सरकार द्वारा दिए गए पैसों की रिकवरी करने का काम करेंगे।