भागलपुर। बरारी स्थित हाउसिंग बोर्ड परिसर को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने में प्रबंधन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अवैध कब्जे से मुक्त कराने को लेकर बुधवार को विशेष अभियान चलाया जाएगा, लेकिन बारिश का बहाना बनाकर फिर टाल दिया गया।
पहले आठ सितंबर को अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस बल व दंडाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया। बारिश के कारण अभियान को टाल दिया गया।
फिर 22 सितंबर की तिथि निर्धारित की गई, लेकिन एक बार फिर मुसलाधार बारिश का बहाना बनाकर टाल दिया गया। बुधवार यानि चार अक्टूबर को अवैध कब्जा के खिलाफ अभियान चलाने का रणनीति को भी बारिश के चलते टाल दिया गया।
आवास बोर्ड प्रबंधन की सारी तैयारी रखी रह गई। मजदूरों व जेसीबी पर किया गया खर्च व्यर्थ में चला गया है। आवास बोर्ड प्रबंधन अतिक्रमणकारी को खुली छूट दे रखा है। सक्षम प्राधिकारी के आदेश पर वर्षा का बहाना बनाया जा रहा है।
73 फ्लैट को खाली कराने का दिया गया था निर्देश
बता दें कि सक्षम प्राधिकार के आदेश से 73 फ्लैट को खाली कराने का निर्देश मिला था, जिसमें अब शेष बचे 46 फ्लैट खाली करने को लेकर पुलिस बल व दंडाधिकारी के साथ अभियान पर पानी फिर गया। फ्लैट से अवैध कब्जा हटाने में आवास बोर्ड प्रबंधन की कहीं न कहीं उदासीन रवैया रहा है। बार-बार वर्षा के कारण अभियान को स्थगित करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, हाउसिंग बोर्ड के पास 102.5 एकड़ जमीन है। इस पर 662 मकान और 84 फ्लैट बने हैं। 1980 में आवास बोर्ड का गठन हुआ है। 2007 में यहां आखिरी आवंटन हुआ था, लेकिन यहां की खाली जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया।
अवैध कब्जा कर झोपड़ी व खटाल खोले गए
यहां के लोगों ने झोपड़ी व खटाल खोल लिए हैं। बरारी हाउसिंग बोर्ड परिसर पूरी तरह से अतिक्रमण की जद में हैं। परिसर के खाली पड़े प्लाट में झुग्गी-झोपड़ी बनी हुई है। अवैध तरीके से खाली प्लॉट में मवेशी बांधे जाते हैं। अतिक्रमणकारियों का फ्लैटों पर कब्जा है। इससे हटाने की आवास बोर्ड प्रबंधन हिम्मत तक नहीं जुटा पा रही।
हाउसिंग बोर्ड बरारी के कार्यपालक अभियंता प्रकाश चंद्र राजू ने बताया कि अब नई तिथि निर्धारित की जाएगी। दीवाली के बाद अभियान चलाने के लिए तारीख तय होगी। सेक्टर तीन, पांच व छह में बने फ्लैट पर अवैध कब्जा गया है। इन मकानों को खाली कराया जाना है।
आवास बोर्ड परिसर में ड्रेनेज की सही व्यवस्था नहीं
जलजमाव बिहार राज्य आवास बोर्ड परिसर में फ्लैट बनाकर व खाली जमीन आवंटन कर दी गई, लेकिन इस परिसर को व्यवस्थित नहीं किया जा सका है।
यहां सबसे अधिक जलजमाव की समस्या होती है। खाली पड़े प्लॉट व गड्ढों में पानी भरा हुआ है। अधिकांश सेक्टर में नाले का अभाव है, जिससे वर्षा का पानी खाली प्लॉट में पानी जमा हो रहा है।
घरों व फ्लैटों का पानी आस-पास के परिसर में जमा हो रहा है। इसके निकासी की व्यवस्था को लेकर कोई कार्य योजना नहीं है। सेक्टरों में सड़कें बना दी गई है, लेकिन नाले की सुविधा गायब रहने से जलजमाव वाले मार्ग से लोग गुजर रहे हैं।
इसके साथ ही जलभराव वाले क्षेत्र में डेंगू के लार्वा के पनपने का सिलसिला जारी है। वहीं, अधिकतर मार्ग में रोशनी की भी व्यवस्था नहीं की गई है।