आतिशी ने 21 सितंबर को दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस मौके पर उनके साथ कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों में गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत ने भी मंत्री पद की शपथ ली. बात सौरभ भारद्वाज की करें तो वो दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी माने जाते हैं. केजरीवाल के जेल जाने के दौरान उन्होंने हर कदम पर पार्टी का साथ दिया.
सौरभ भारद्वाज दिल्ली के रहने वाले हैं. उनका जन्म 12 दिसंबर 1979 को हुआ है. उनकी पढ़ाई लिखाई सब दिल्ली में हुई. उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. राजनीति में आने से पहवे उन्होंने बतौर सॉफ्टवेयर कंसल्टेंट काम किय. दिल्ली में हुए जन लोकपाल को लेकर हुए आंदोलन के दौरान उनकी मुलाकात अरविंद केजरीवाल से हुई. बस यहीं से इनका साख शुरू हुआ जो आज तक कायम है. केजरीवाल के साथ उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की.
2013 में लड़ा पहला विधानसभा चुनाव
सौरभ भारद्वाज साल 2013 में पहली बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर ग्रेटर कैलाश जैसी वीआईपी सीट से चुनाव मैदान में उतरे. पहली ही बार में उन्होंने बीजेपी नेता विजय कुमार मल्होत्रा के बेटे को शिकस्त दी. जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की 49 दिन की सरकार बनी थी तो उस समय वो कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे. उनके पास परिवहन, खाद्य और आपूर्ति, पर्यावरण और जीएडी जैसे बड़े विभाग थे. ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सौरभ भारद्वाज यहां से वो तीन बार लगातार विधायक चुने गए. 2015 फिर 2020 में यहां की जनता ने एक बार फिर से चुना. हर बार उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की.
आम आदमी पार्टी के बेहतरीन प्रवक्ता
सौरभ भारद्वाज आम आदमी पार्टी के बेहतरीन प्रवक्ता माने जाते हैं. बीजेपी, कांग्रेस पर वो कई मुद्दों पर हमलावर रहे. उन्होंने इन पार्टियों के आरोपों का बड़ी साफगोई से तर्कों के साथ जवाब दिया. मुखर प्रवक्ता होने के साथ वो पार्टी और सरकार के बीच अच्छा समन्वय रखते है. विधानसभा की कई समितियों में वो शामिल रहे. हर मुद्दे पर उन्होंने बुलंद आवाज के साथ पार्टी का पक्ष रखा.
केजरीवाल के विश्वास पात्र माने जाते हैं सौरभ
विधायक सौरभ भारद्वाज को सीएम केजरीवाल का विश्वास पात्र माना जाता है. उनके पास कैबिनेट में काम करने का अनुभव भी है. दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद पार्टी ने उन्हें दिल्ली का स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया. वहीं शराब नीति मामले में जब अरविंद केजरीवाल जेल गए तो सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने मिलकर सरकार के साथ पार्टी को संभाला.