नई दिल्ली: अभी कुछ हफ्ते भी ठीक से नहीं बीते हैं कि टीम इंडिया न्यूजीलैंड में कीवी टीम के साथ वनडे सीरीज खेल रही थी। लेकिन, आज से फिर से वो एक और सफेद गेंद की सीरीज में आमने-सामने हैं। भारत को भारत में वन-डे सीरीज हराना उतना ही मुश्किल है जितना कि टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को उसकी सरजमीं पर मात देना। पिछले 13 साल में 25 में से 22 सीरीज टीम इंडिया ने जीती है और मौजूदा न्यूजीलैंड टीम से ये उम्मीद करना कि वो ऐसा कमाल करने वाली चौथी टीम बन सकती है तो ये शायद अनुचित होगा लेकिन, इसका मतलब ये कतई नहीं है कि कीवी टीम भी भारतीय जमीं पर फिसड्डी साबित होती रही है।
इसके उलटे हाल के सालों में वन-डे सीरीज के दौरान न्यूजीलैंड सीरीज को आखिरी मैच तक जिंदा रखने में कामयाब रहा जो कम मामूली बात नहीं है। टीम इंडिया जो कुछ हफ्ते पहले न्यूजीलैंड में खेली थी वो तो एकदम से बदल गई है। उस टीम के कप्तान शिखर धवन प्लेइंग इलेवन तो क्या टीम में ही नहीं है। अर्शदीप सिंह को रणजी ट्रॉफी मैचों में शिरकत करने के लिए कह दिया गया है ताकि वो अपनी गेंदबाजी की मांसपेशियां और मजबूत कर पाएं, जिससे वो वन-डे और भविष्य में टेस्ट मैचों के लिए खुद को तैयार रख पाएं
अर्शदीप की जगह नाटकीय अंदाज में शार्दुल ठाकुर की वापसी हुई है जो इलेवन का हिस्सा हो सकते हैं। रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ चाहते हैं कि भारत का गेंदबाजी आक्रमण ऐसा रहे जिसके चलते उनके पास कम से कम 6 विकल्प तो रहे ही और इसी वजह से शार्दुल आए हैं और यही वजह से वाशिंगटन सुंदर को भी इलेवन में मौका मिले, क्योंकि अक्सर पटेल भी इस सीरीज का हिस्सा नहीं हैं। एक बार फिर से युजवेंद्र चहल के खेलने पर सस्पेंस बना हुआ है। ये साफ नहीं हो पाया है कि वो अब पूरी तरह से फिट हैं या नहीं क्योंकि पिछले 2 वन-डे वो अनफिट होने के चलते नहीं खेल पाए थे। लेकिन उनके साथी कुलदीप यादव के लिए ऐसी कोई समस्या नहीं है। वो खेलेंगे लेकिन उनके लिए मुकाबला आसान नहीं होगा।
खासकर, न्यूजीलैंड के नए कप्तान टॉम लैथम के खिलाफ जिनका निजी रिकॉर्ड भारत के खिलाफ असाधारण तो है ही साथ ही कुलदीप के खिलाफ भी वो बेहद प्रभावशाली रहें हैं। चलते चलते एक बात और जो शायद भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को हजम ना होती अगर टीम इंडिया किसी अहम विदेशी दौरे पर होती और उसके लिए विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह को वर्कलोड मैनेजमेंट के नाम पर आराम दे दिया जाता! कीवी टीम ने कुछ ऐसा ही किया है।
पाकिस्तान के खिलाफ इसी महीने 0-1 से पिछड़ने के बाद पलटवार करते हुए 2-1 से वनडे सीरीज जीतने वाले टीम के अहम सदस्य केन विलियमसन और टिम साउदी इस टीम का हिस्सा नहीं है। ऐसा न्यूजीलैंड ने वर्ल्ड कप 2023 तक अपने बेहद व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए किया है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि मेहमान टीम इस सीरीज को हर हाल में जीतने के इरादे से नहीं आई है और इसका मतलब ये भी है कि दबाव पूरी तरह से टीम इंडिया पर ही होगा। और इस दबाव का फायदा भी टीम को होगा अगर वो हर मैच जीते तो आईसीसी रैंकिंग में न्यूजीलैंड को पछाड़कर वो नंबर 1 बन जाएंगे। फिलहाल कीवी नंबर 1 पर काबिज है टीम इंडिया चौथे पायदान पर है।
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