नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले भारतीय टीम को 10 विकेट से करारी का सामना करना पड़ा। इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है। मैच में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था जिसके बाद मिचेल स्टार्क की ऐसी आंधी आई कि भारत की पूरी टीम 117 रन के स्कोर पर ढेर हो गई। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने सिर्फ 11 ओवर में मैच को अपने नाम कर लिया।
इस हार के साथ ही टीम इंडिया की एक बड़ी कमजोरी भी सामने आ गई जिसका तोड़ वह लंबे समय से नहीं निकाल सकी है। यह भारतीय बल्लेबाजी की यह एक ऐसी कमजोर कड़ी है जिसका खामियाजा उसके 2017 और 2019 में भुगतना पड़ चुका है। वहीं इसी साल होने वाले वनडे विश्व कप से पहले अगर कप्तान रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ ने इस कमजोरी को दूर नहीं किए तो एक बार फिर विश्व चैंपियन बनने का सपना टूट सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं क्यों बाएं हाथ के गेंदबाजों के टीम इंडिया के बल्लेबाज सरेंडर कर देते हैं।
विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया को 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में खेलने का मौका मिला था। इस मैच मैच में टीम इंडिया को 180 रनों की बड़ी हार मिली थी। इसके पीछे का एक बड़ा कारण था बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर की घातक गेंदबाजी। आमिर ने इस मैच में तीन बड़े विकेट लिए थे, जिसमें विराट कोहली, रोहित शर्मा और शिखर धवन का नाम शामिल था। आमिर ने इन तीनों ही धाकड़ बल्लेबाज को सिर्फ 34 रन के स्कोर पर चलता कर दिया था।
2019 का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप
बाएं हाथ के गेंदबाजों के खिलाफ टीम इंडिया की परेशानी यहीं पर खत्म नहीं हुई। 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी भारतीय टीम के बल्लेबाज इस परेशानी से जूझते रहे। फाइनल में ट्रेंट बोल्ट ने पहली पारी में दो और दूसरी पारी में तीन बड़े विकेट लेकर भारत की हार तय कर दी थी। WTC के फाइनल में टीम इंडिया को 8 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा था।
2021 टी 20 विश्व कप
बाएं हाथ के गेंदबाजों के खिलाफ टीम इंडिया को सबसे बड़ी जलालत 2021 के टी20 विश्व कप में झेलनी पड़ी थी, जब पाकिस्तान के खिलाफ भारत को हार का सामना करना पड़ा था। लीग स्टेज के इस मैच में शाहीन अफरीदी ने टीम इंडिया के केएल राहुल और रोहित शर्मा को शुरुआत में आउट कर दिया। इस कारण आईसीसी टी20 विश्व कप के इतिहास में यह पहली बार हुआ था जब भारत को पाकिस्तान ने हराया।