भुवनेश्वर। ओडिशा में एक पूर्व विधायक के साथ 13 लोगों को अदातल ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जानकारी के मुताबिक, बरहमपुर के अतिरिक्त जिला जज राजकिशोर दास ने पूर्व विधायक एन.नारायण रेड्डी के साथ 13 लोगों को 1998 में टाटा परियोजना को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई रिजर्व इंस्पेक्टर विनय मेहर हत्या मामले में 25 वर्ष बाद यह सजा सुनाई है।
सजा पाने वालों में ये हैं शामिल
सजा पाने वालों में छत्रपुर के पूर्व विधायक एन.नारायण रेड्डी के साथ पी.कामराजू रेड्डी, कालिया सेठी, एन.दिलीप कुमार रेड्डी, गुरुदेव बेहेरा, पी.नागेश्वर रेड्डी, पी.डम्बरू रेड्डी, एल.चंद्रमणि रेड्डी, डी.कामराजू बुर्मा, पी.पुतुंग, टुना बेहरा, आर घन रेड्डी एवं सुदाम राउल शामिल हैं।
18 जून, 1988 की है घटना
जानकारी के मुताबिक, 18 जून 1998 को टाटा कंपनी के जमीन अधिग्रहण का विरोध कर पुलिस एवं आम लोगों के बीच संघर्ष हुआ था। इसमें गंजाम जिला पुलिस में कार्यरत तत्कालीन रिजर्व इंस्पेक्टर विनय मेहेर की हत्या कर दी गई थी, जबकि जिलाधीश एवं एसपी के सुरक्षा कर्मी पर बमबाजी कर उनकी भी हत्या करने का प्रयास किया गया था।
कुल 22 आरोपितों में से 8 की मौत, एक बरी
रिजर्व इंस्पेक्टर विनय मेहेर की हत्या घटना में छत्रपुर थाना में 115 बटा 1998 में दफा 302 के तहत मामला दायर किया गया था। पूर्व विधायक तथा वरिष्ठ कम्यूनिष्ट नेता एन. नारायण रेड्डी के साथ 22 लोगों के नाम पर मामला दर्ज हुआ था।
इन 22 लोगों में से 8 की मौत हो चुकी है, जबकि एक आरोपी एस.जागाया को मामले से बरी कर दिया गया है। घटना के दिन अपराह्न में सिंधी गांव में शांति कमेटी का गठन करने के लिए तत्कालीन जिलाधीश एवं एसपी यहां पहुंचे थे।
मामले में 65 लोगों ने दी थी गवाही
यहां पर वह स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर रहे थे तभी वहां बमबाजी हुई थी। इसमें गंजाम जिले के जिलाधीश, एसपी एवं उनके सुरक्षा कर्मचारी भी घायल हुए थे। रिजर्व इंस्पेक्टर विनय मेहेर की मृत्यु हो गई थी।
घटना को लेकर एन.नारायण रेड्डी एवं उनके सहयोगियों के खिलाफ 116 बटा 1998 में एक हत्या मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में कुल 65 गवाहों की गवाही ली गई थी।
200 पन्ने वाली विस्तृत चार्जशीट पुलिस की तरफ से अदालत में पेश की गई। सरकार की तरफ से वकील पीपी.निरंजन पाढ़ी मामले का संचालन कर रहे थे।