नई दिल्ली: भारत में शराब के दाम बढ़ने के बावजूद इसकी बिक्री बढ़ है। यह डिमांड सभी सेगमेंट में दिख रही है। फिर चाहे विस्की हो, बैंडी, रम, जिन या वोदका । इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में 40 करोड़ शराब के केस (कार्टन) की खरीद हुई है, जो 750 मिलिलीटर वाली करीब 4.75 अरब बोतलों के बराबर है। देश में शराब बाजार के बिक्री के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं। इस साल मार्च तक 39.5 करोड़ कार्टन बिके हैं जो पिछले साल 2022 के मुकाबले 12% ज्यादा हैं। इससे पहले इतनी ज्यादा बिक्री चार साल पहले हुई थी। हेलेन डि टिसों के ग्लोबल चीफ फाइनेशल ऑफिसर परनॉड रिकर्ड कहते हैं, हमने दाम सबसे उच्च स्तर पर रखे हुए हैं।
एक्साइज डेटा के मुताबिक, अल्कोहल में कुल मांग का दो तिहाई हिस्सा विस्की का है। कीमतें ज्यादा होने के बावजूद विस्की की मांग 11% बढ़ी है। ब्रेडी का मार्केट में हिस्सा 21% है, जबकि रम का 12% है। वोदका की बिक्री 29% तक बढ़ी है, जबकि जिन की बिक्री 61% बढ़ी है। बेशक वित्त वर्ष 21 में कई बड़े हैं की बिक्री घटी है, खासकर विस्की के मामले में मगर पिछले वित्त वर्ष में जबर्दस्त वापसी हुई है। मसलन, अलायड ब्लेंडर्स को 15% ग्रोथ हासिल हुई। इसमें बड़ा हाथ ऑफिसर्स चॉइस का है जो मात्रा के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा विस्की बैंड है अलायड ब्लेंडर्स ने भी कई बैंड लॉन्च किए, जिनमें आइकॉनिक वाइट विस्की, सृष्टि प्रीमियम विस्की और X&O प्रीमियम वर्ल्ड ग्रेन विस्की हैं।
तिलकनगर इंडस्ट्रीज ने प्रीमियम फ्लेवर्ड ब्रेडी मेंशन हाउस रिजर्व लॉन्च की। कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन एल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (CIABC) के डायरेक्टर जनरल विनोद गिरि कहते हैं, मांग के हिसाब से देखें तो पिछले साल कोई अड़चन नहीं आई। कुछ राज्यों ने तो लागत बढ़ती देख दाम बढ़ाने की इजाजत भी दी। हालांकि कांच की कीमत भी एक साल में लगभग दोगुना हो गई है। इससे कंपनियों का मार्जिन कम हुआ है। बता दें कि राजस्थान, केरल समेत दर्जन भर राज्यों में कीमत बढ़ा ने की इजाजत दी है।
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