ज हम अपने लेख के माध्यम से कुछ तथाकथित पत्रकारों, भ्रष्ट अधिकारियों और कुछ रिश्वतखोर खाकी में छुपे भेड़ियों को यह बताना चाहते हैं कि हमारी पत्रकारिता की एक अलग ही परिभाषा है। हम अपनी पत्रकारिता के तरीके से न केवल समाज को जागरूक कर रहे हैं, बल्कि देश की सेवा कर रहे हैं, अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ राष्ट्रहित है और देशवासियों का भला करना है।
लेकिन जब हम अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सच्चाई सामने लाते हैं, तो कुछ लोग जो अवैध धंधों में लिप्त हैं—चाहे वह जुआ, सट्टा, मादक पदार्थों का कारोबार हो, या फिर भ्रष्ट अधिकारी और कुछ दलाल पत्रकार—उनको यह बहुत खलता है। यह लोग हमें बदनाम करने के लिए तरह-तरह के अफवाहें फैलाने में जुटे हैं।
हमारा यह साफ संदेश है कि हम कभी किसी से डरते नहीं हैं। हमने अपनी पत्रकारिता का आदर्श खुद तय किया है और इसी दिशा में कार्यरत हैं। अगर सच बोलना, सच लिखना और राष्ट्रहित की बात करना अपराध है, तो हम बार-बार इस अपराध को दोहराएंगे।
हमें यह भी कहना है कि कुछ लोग जो हमें रोकने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि हम मोहम्मद सलीम न तो डरे हैं और न कभी झुके हैं। हमारी कलम तब तक चलती रहेगी जब तक देश में भ्रष्टाचार और अपराध की जड़ें खत्म नहीं हो जातीं।
हम किसी को धमकाने का काम नहीं करते, लेकिन जो लोग हमारे रास्ते में आएंगे, उन्हें यह याद रखना चाहिए कि पत्रकारिता की ताकत कलम में है, न कि हथियारों में। हम सच्चाई के साथ खड़े हैं, और जब तक हमारी कलम की ताकत है, हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
हम ऐसे भ्रष्ट लोगों को यह संदेश देना चाहते हैं कि यदि उन्होंने हमारी आवाज़ को दबाने की कोशिश की, तो उनका अंत उन्हीं के द्वारा पैदा की गई परिस्थितियों में होगा। जब एक ईमानदार व्यक्ति को सताया जाता है, तो उसे मजबूरन अपने हक के लिए खड़ा होना पड़ता है, और तब वह एक ताकतवर आवाज़ बन जाता है।
तो हम चाहते हैं कि आप लोग अपनी और गलत कामों से दूर रहें, क्योंकि यदि हमें और हमारी आवाज़ को दबाया गया, तो आपको वही भुगतना पड़ेगा जो आपने दूसरों के साथ किया है।
आवाज़ जन-जन की, अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ!