पदमपुरा रोड रेलवे फाटक पर शुक्रवार को कोटा-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन से कटकर दो युवकों की मौत हो गई। मृतकों मे एक युवक हलवाई व दूसरा धोबी का काम करता है। दोनों ही मृतक घर के मुखिया थे। अंडरपास की जगह सीधे रेलवे लाइन को पार करने में दोनों हादसे का शिकार हो गए। दोनों के शरीर के अंग 300 मीटर तक बिखरे मिले।
दुर्घटना शुक्रवार दोपहर करीब 11:30 बजे की है। देवकरण विश्वकर्मा निवासी थाना लीमाचौहान और काॅलोनी निवासी कैलाश रजक काम के लिए जा रहे थे। दोनों युवक बंद पड़े कालोनी फाटक से गुजर रहे थे। उसी दौरान कोटा से इंदौर की ओर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन आ गई। दाेनों कुछ समझा पाते इससे पहले वे ट्रेन से टकरा गए।टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों युवकों के कई टुकड़े हो गए। हादसे की जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। सूचना पर पुलिस की टीम भी पहुंची। पुलिस ने स्थानीय लोगों की की मदद से युवकों के शरीर के टुकड़ों को समेटकर अस्पताल पहुंचाया। जहां युवकों का पोस्टमार्टम किया गया।
पचोर में हलवाई था देवकरण
लीमाचौहान का रहने वाला देवकरण विश्वकर्मा अपने परिवार के पालन पोषण के लिए पचोर में रहता था। वह यहां हलवाई का काम करता था। दूसरा युवक कैलाश रजक घर-घर जाकर कपड़े एकत्रित कर उन्हें धोकर और प्रेस कर परिवार का खर्च चलाता था। हादसे के बाद दोनों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। कैलाश रजक के एक छोटा बेटा और एक बेटी है। कांग्रेस महिला प्रदेश नेत्री नीलू दूबे ने बताया कि कैलाश की पत्नी उनके यहां भी कपड़े लेने आती है। युवक कपड़े धोकर प्रेस करके उन्हें घर घर लौटाने आता था।
शॉर्ट कट लेने में गई जान
जिस स्थान पर घटना हुई, यहां पदमपुरा, वीरसावरकर महाविद्यालय, इंद्रपुरी, अयोध्यापुरी एवं पुरानी काॅलोनी का मुख्य मार्ग है। इसका फाटक परमानेंट बंद किया गया है। अब लोगाें को करीब 500 मीटर घूमकर अंडरपास से निकलना पड़ता है। कई लोग शॉर्टकट के चक्कर में अभी भी पैदल रेलवे लाइन को पटरी पार करके निकलते हैं। इस कारण दुर्घटनाएं आम बात हो गई है।