उत्तर प्रदेश के बरेली के इज्जतनगर थाना पुलिस ने शुक्रवार को नौशाद और आमान नाम के आरोपियों को कर्मचारी नगर चौकी के सामने से लड़कियों से झगड़ा करते हुए गिरफ्तार किया था. लड़कियों ने आरोप लगाया था कि धर्म बदलकर दोनों ने अपना नाम राहुल और सतीश बताया था जो उन्हें पता चला गया था और इसी बात पर उन्होंने पीटा था. इसके बाद उन्होंने पुलिस को सौंप दिया था. जब पुलिस ने उनकी तलाशी ली तो दोनों के कब्जे से आठ आधार कार्ड मिले जो अलग-अलग नाम से बने थे. दोनों के मोबाइल में दूसरे समुदाय की 30 से ज्यादा युवतियों की अश्लील वीडियो भी मिलीं हैं. इसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर शुक्रवार को ही उनका मेडिकल कराकर जेल भेज दिया.
इस दौरान सामने आया कि वे दोनों नाम व धर्म छुपा कर युवतियों को अपने प्रेम जाल में फंसाते हैं. ब्लैकमेल कर उनका शोषण करते हैं और वीडियो वायरल करने के नाम पर उनसे मोटी रकम लेते हैं. पुलिस ने उनके मोबाइल फोरेंसिक लैब को भेज दिए हैं. पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपियों ने मोबाइल से क्या-क्या डिलीट किया है. इतना ही नहीं पुलिस पूरे मामले में जांच कर रही है. आरोपियों के बैंक अकाउंट की भी जांच की जाएगी.
बैंक अकाउंट चेक करके पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं दोनों युवकों को कहीं बाहर से तो इस काम को करने के लिए फंडिंग नहीं हो रही. वहीं पुलिस का कहना है कि जिन युवतियों को ब्लैकमेल किया था और युवतियों का शोषण किया था वह पुलिस से शिकायत करने इसलिए नहीं आई. क्योंकि उन्हें अपनी लाज और लज्जा की शर्म थी. इसी का आरोपी फायदा उठाकर लगातार लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसा रहे थे.
लड़कियों के नाम से इंस्टाग्राम आईडी
आरोपी नौशाद और आमान के मोबाइल में 6 इंस्टाग्राम आईडी मिली हैं इनमें से कुछ आईडी उन्होंने लड़कियों के नाम पर भी बना रखी थीं. पुलिस का कहना है कि लड़की बनकर दोस्ती करने के बाद भी वे लोग अपने जाल में फंसाते थे. आमतौर पर ऐसा होता है कि केरल और मुंबई में रहने के दौरान यह लोग फर्जी आईडी से एक साथ कई लड़कियों को मैसेज भेजते थे. इनमें से कुछ जवाब देती थी और उससे बातचीत शुरू हो जाती थी. बातचीत शुरू होने के बाद कुछ लड़कियां इनके जाल में फंस जाती थी और यहीं से शुरू होता था ब्लैकमेलिंग और ठगी का खेल.
वहीं मामले में बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए दोनों युवकों के बारे में गहराई से जांच कराई जा रही है. उनके मोबाइल की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी साथ ही बैंक खातों की भी जांच होगी. देखा जाएगा कि उन्हें कहीं से कोई फंडिंग तो नहीं की जा रही है. दोनों को फिलहाल जेल मभेज दिया है जरूरत पड़ी तो आरोपियों को रिमांड पर लेकर भी पूछताछ की जाएगी.