मध्यप्रदेश सरकार स्वस्थ मध्यप्रदेश की दिशा में प्रदेश के सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ देने के लिए लगातार प्रयासरत है। वर्तमान में 52 जिला चिकित्सालय, 119 सिविल अस्पताल, 356 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 1266 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 10 हजार 287 उप स्वास्थ्य केन्द्र से प्रदेश के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ केन्द्र एवं प्रदेश शासन की स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है।
प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए पिछले 3 वर्षों में 861 संस्थाओं का उन्नयन और विकास किया गया है। इनमें 278 स्वास्थ्य केन्द्र, 426 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 74 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 71, सिविल अस्पताल और 12 जिला अस्पताल शामिल है। इसी अवधि में में 646 संस्थाओं के भवनों का निर्माण कार्य किया गया। इनमें 2 जिला चिकित्सालय, 12 सिविल अस्पताल, 18 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 27 प्राथमिक स्वास्थ्य और 587 उप स्वास्थ्य केंद्र शामिल है।
प्रदेश में कोविड से पहले आईसीयू बेड मात्र 277 थे, जिन्हें बढ़ाकर 2085 किया गया है। सभी 52 जिला चिकित्सालय में एलएमओ टैंक और अस्पतालों में 209 पी एस ए प्लांट स्थापित किए गए हैं। जिला चिकित्सालयों के 60 प्रतिशत बिस्तरों पर ऑक्सीजन सप्लाई की उपलब्धता और सभी जिला चिकित्सालय में पाईआईसीयू वार्ड बनाकर इन वार्डो में 730 बिस्तर की व्यवस्था की गई है।
सभी जिला चिकित्सालय और 35 सिविल अस्पतालों में वेटलीज रेंटल रिएजेंट मॉडल के माध्यम से नि:शुल्क 132 जाँचे करने के लिए उच्च डायग्नोस्टिक लैब की सेवाएँ शुरू की गई है। सभी 51 जिला चिकित्सालय और 8 सिविल अस्पताल में डायलिसिस इकाई के संचालन के अलावा 49 जिला चिकित्सालय और 4 सिविल अस्पताल में पीपीपी मोड पर सी.टी. स्केन की सुविधा शुरू की गई है।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, लक्ष्य से अधिक उपलब्धि पर पुरस्कृत
भारत सरकार द्वारा प्रदेश के लिये 10 हजार 535 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर क्रियाशील करने के लक्ष्य के विरूद्ध 11 हजार 360 स्वास्थ्य केंद्र को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में क्रियाशील किया गया है, जो लक्ष्य के विरूद्ध 107 प्रतिशत उपलब्धि है।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के लिए 9800 से अधिक कमेटी हेल्थ ऑफिसर की पदस्थापना की जा चुकी है। सभी सेंटर की टीम को प्रशिक्षण दिया गया है उन्हें मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य परिवार कल्याण गैर संचारी रोग टीवी ओरल हेल्थ ईट राइट जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया गया है। सभी सेंटर को भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार डिजाइन और विकसित किया गया है।
इन सेंटर के माध्यम से गर्भावस्था और नवजात शिशु स्वास्थ्य, नवजात और शिशु स्वास्थ्य, बचपन और किशोर स्वास्थ्य, परिवार नियोजन एवं देखभाल सेवाएँ, संचारी रोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, सामान्य रोगों की देखभाल, गैर संचारी रोगों की जाँच, रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन, नेत्र, ईएनटी देखभाल सेवाएँ, मुख स्वास्थ्य, वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ, मानसिक स्वास्थ्य की जाँच और बुनियादी प्रबंधन किया जा रहा है। प्रदेश में कुल 8946 स्पोक और 5183 हब के माध्यम से टेली कंसल्टेशन सेवाएँ भी दी जा रही हैं।
अस्पतालों में मिलने वाली दवाओं में बढ़ोत्तरी
पहले जिला अस्पताल में मिलने वाली 295 तरह की दवा की संख्या बढ़ाकर 530 की गई है। सिविल अस्पताल में दवाओं की संख्या 270 से बढ़ाकर 448, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर 253 से बढ़ाकर 273, शहरी एवं ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक स्तर पर 204 से बढ़ाकर 299 तथा उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर उपलब्ध आवश्यक दवाओं की संख्या 97 से बढ़ाकर 126 की गई है।
जिला अस्पतालों में कैंसर का उपचार
कैंसर कीमोथेरपी सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण किया गया है। वर्तमान में 51 जिला चिकित्सालयों में प्रति चिकित्सालय 4 बेड कैंसर कीमोथेरेपी के लिए आरक्षित हैं और प्रति सिविल अस्पताल 02 बेड आरक्षित किए जा रहे हैं। कैंसर कीमोथेरपी करने के लिए चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। कैंसर उपचार की आवश्यक कुल 43 प्रकार की औषधियों का प्रावधान किया गया है।
अस्पतालों में डायलिसिस सुविधा
वर्तमान में प्रदेश में 194 डायलिसिस मशीन उपलब्ध हैं तथा 102 नई मशीन क्रय की जा रही हैं। रोगियों को डायलिसिस के लिए प्रतीक्षा न करना पड़े, इसके लिए चरणबद्ध ढंग से सुविधा को विकसित किया जायेगा।
जिला चिकित्सालयों में फिजियोथेरेपी
सभी जिला चिकित्सालयों में फिजियोथेरेपी यूनिट स्थापित कर महिला एवं पुरुष फिजियोथेरेपिस्ट पदस्थ किए गए हैं। इससे वृद्धजन को काफी फायदा मिला है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों के समय की बचत के लिए क्यू मैनेजमेंट सिस्टम शुरू किया जाएगा। साथ ही मरीज और उनके परिजन की सहायता के लिए सहायता केन्द्र की स्थापना भी की जा रही है।
उन्नत उपकरण एवं पैथालॉजी
प्रदेश में सीटी स्केन, सोनोग्राफी, डिजिटल एवं कंप्यूटराइज्ड एक्स रे मशीनों जैसे अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध है। जिला चिकित्सालयों में हीमेटोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, हॉर्मोनल, कैंसर मार्कर आदि उन्नत पैथालाजी जाँचों की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा चुकी है। हब एंड स्पोक मॉडल से सी. बी.सी., किड्नी फंक्शन टेस्ट, लिवर फंक्शन टेस्ट, मधुमेह जाँच, सीरम कोलेस्ट्रोल जैसी अत्याधुनिक जाँचों की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सरकारी अस्पतालों में एबीजी मशीन, ईटीओ स्टायजर, एनेस्थेसी वर्क स्टेशन, हाइड्रोलिक ओ टी टेबल, ओपीडी किट (स्टेथोस्कोप, डिजिटल थर्मामीटर, पर्क्यूशन हैमर, एपइंडी टॉर्च, मेजरिंग टेप, ओटोस्काप, ट्यूनिंग फोर्क) एवं बीएमआई मशीन जैसे अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं।