लखनऊ। प्रदेश के कई मदरसों को आने वाली विदेशी फंडिंग के मामले की जांच को लेकर अगले सप्ताह नोटिस भेजे जाएंगे। इस संदर्भ में गठित एसआइटी की पहली बैठक बुधवार हो सकती है। इसी बैठक में जांच की रुपरेखा तय की जाएगी कि जांच कहां से शुरू की जाए और कितने चरण में पूरी की जाए।
इसके बाद मदरसों में आने वाले फंड की जांच के लिए उन्हें संबंधित दस्तावेज पेश करने के संबंध में नोटिस भेजे जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शनिवार को आतंकवाद निरोधक दस्ता के एडीजी मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है। एसपी साइबर क्राइम प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे रीभा को सदस्य के रूप में एसआइटी में शामिल किया गया है।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने की थी जांच
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने कुछ समय पहले मदरसों को मिल रही विदेशी फंडिंग व आय के स्रोत की जांच की थी, लेकिन कोई ठोस तथ्य विभाग के हाथ नहीं लगे थे। एसआइटी भी अपनी जांच अल्प संख्यक कल्याण विभाग की जांच का अध्ययन करने के बाद शुरू करेगी।
इस संबंध में एसआइटी की बैठक में विभाग की निदेशक पुरानी जांच को भी पेश करेंगी। इसीलिए उन्हें एसआइटी में शामिल भी किया गया है। साथ ही विभाग के पास मदरसों से संबंधित तमाम अन्य जानकारियां भी हैं, जो इस जांच में काफी अहम सिद्ध हो सकती है।
प्रदेश में मौजूदा समय में 16513 मान्यता प्राप्त व 8500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। बीते कुछ वर्षों में नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में सर्वाधिक मदरसे खोले गए हैं। एसआइटी की कोशिश होगी कि पहले चरण की जांच में उन्हीं मदरसों को शामिल किया जाए जिन्हे विदेशों से फंड मिला है। उन्होंने फंड का कहां-कहां पर किस गतिविधि में इस्तेमाल किया है इसे जांच का अहम हिस्सा बनाया जएगा।