अमेरिकी मिड टर्म इलेक्शन में ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी ने हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव (लोअर हाउस) में 218 सीटें जीत ली हैं। अब अमेरिकी संसद के लोअर हाउस में रिपब्लिकन्स का कंट्रोल होगा। इस पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वो ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा- मैं अमेरिकी जनता की सेवा के लिए किसी भी पार्टी- डेमोक्रेटिक या रिपब्लिकन के साथ काम करूंगा। जनता बस इतना चाहती है कि उनका काम होता रहे। मैं जनता के लिए काम करने के लिए तैयार हूं।
अब कमजोर पड़ जाएंगे बाइडेन
- बाइडेन के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में जीत अहम थी। यहां बहुमत खो देने के बाद अब वो काफी कमजोर हो जाएंगे। बाइडेन को हर बड़ा फैसला लेने के लिए संसद में विपक्ष यानी डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के भरोसे रहना होगा।
- ऐसा इसलिए क्योंकि हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में जिस भी पार्टी की जीत होती है उस पार्टी का संसद में दबदबा होता है। वही पार्टी कानून बनाने में ज्यादा अहम रोल अदा करती है।
- यहां ट्रम्प की पार्टी की जीत हुई है। इसका मतलब ये है कि उनकी पार्टी तय करेगी कि किन कानूनों पर वोटिंग होगी। इसके अलावा रिपब्लिकन्स बाइडेन के एजेंडों पर रोक लगा सकेंगे।
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संसद के दोनों सदनों के काम पर एक नजर
भारत की तरह अमेरिका में भी संसद ही कानून बनाती है। हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव तय करता है कि किन कानूनों पर वोटिंग होगी। इसके बाद सीनेट उन कानूनों को अप्रूव या ब्लॉक करता है। इसके साथ ही सीनेट राष्ट्रपति ने जिन लोगों को नियुक्त किया है उन्हें कन्फर्म करता है। यहां तक की जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति के खिलाफ जांच भी सीनेट ही करता है।न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव (लोअर हाउस) में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच कांटे की टक्कर थी। बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी यहां 211 सीटें जीती। मिड टर्म इलेक्शन के नतीजे 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारी का आधार तय करते हैं। आसान शब्दों में समझें तो लोगों के वोटों के आधार पर राष्ट्रपति उम्मीदवार का आंकलन किया जाता है और राष्ट्रपति चुना जाता है।