जिले में कोविड केस मिलने पर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। इसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया ने शनिवार को जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर स्वास्थ्यगत तैयारियों का जायजा लिया। उन्होने अस्पताल परिसर में साफ-सफाई और सभी जगह गेट लगाने और बिना मास्क के आने पर प्रवेश नहीं देने कहा है। कोविड के मरीजों को तुरंत इलाज मिल सके इसके लिए सर्दी, खांसी, कोविड सिम्टम्स वाले मरीजों के लिए अलग ओपीडी शुरू करने कहा। उन्होने जिला अस्पताल के सभी स्टाफ और भर्ती मरीजों का कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश दिए। प्रतिदिन और कम से कम 40 एन्टीजन आटपीसीआर टेस्ट करने कहा। बच्चों को कोविड टीकाकरण के वैक्सीन स्टॉक उपलब्ध रखने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कोविड आइसोलेशन वार्ड के सभी आवश्यक जरूरते समय पूर्व सुनिश्चित करने और समस्त अमले को तैयार रहने कहा। उन्होंने कोविड को लेकर मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य एवम स्वास्थ्य अधिकारी को सर्विलेंस टीम, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग टीम और कंट्रोल रूम बनाने और पूरी तरह से अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सीय उपकरण की लागत सहित सूची देने कहा ताकि अस्पताल में किसी भी प्रकार की कमी न हो।
कलेक्टर ने सेनेटोरियम भवन स्थित डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का निरीक्षण कर वहां ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, जनरल वार्ड, आपातकाल में बिजली के लिए सोलर सिस्टम-जनरेटर सहित सभी आवश्यक जरूरतें पूर्ण करने के निर्देश दिए। जिला अस्पताल परिसर स्थित हमर लैब का निरीक्षण कर संबंधित ठेकेदार को विलंब से कार्य करने पर फटकार लगाते हुए ज्यादा से ज्यादा मजदूर लगाकर 5 दिवस के भीतर फिनीशिग कार्य, बिजली-पानी, टाइल्स सहित सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने जिला अस्पताल में नवीन तैयार हो रहे आंख स्पेशल अस्पताल का भी निरीक्षण कर वहां ट्रांस्मियबल डिसीज सेक्शन, सर्जरी रूम, ब्लड बैंक, रिफ्रेशमेंट रूम के कार्यों का जायजा लिया और समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होने पोषण पुनर्वास केंद्र का भी निरीक्षण कर वहां की यथा स्थिति का जायजा लिया और 10 बेड और बढ़ाने के लिए नवीन भवन निर्माण का प्रस्ताव भेजने के निर्देष दिए।
कलेक्टर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरेला का भी निरीक्षण कर वहां पुराने जर्जर भवनों को तोडकर नवीन 10 बिस्तरों का कोविड आइसोलेशन वार्ड और 20 बिस्तरांे का जनरल वार्ड के निर्माण कार्य का मुल्यांकन किया और संबंधित ठेकेदार को तीन माह के भीतर कार्य पूर्ण करने के निर्देष दिए। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा आई नागेश्वर राव, सिविल सर्जन डॉ बी पी चंद्रा, बीएमओ डॉ अभिमन्यू सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।