गरीबों, जरूरतमंदों के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना में नित नए घोटाले सामने आ रहे हैं। इनको दूर करने के लिए योजना में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। सरकार ने अस्पताल में भर्ती मरीज के लिए पैकेज चार्ज अधिकतम 5400 रुपए दिन कर दिया है।
पहले निजी अस्पताल मामूली बीमारी के इलाज के लिए आए मरीज को आईसीयू में भर्ती कर 8,500 रुपए/दिन तक वसूलते थे, यानी इसमें सीधे तौर पर 3100 रुपए कमी की गई है। इसके अलावा मरीजों को भर्ती होने के समय ही उसका बायोमैट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवाना अनिवार्य होगा।
डिस्चार्ज होने के दौरान भी उन्हें यही प्रक्रिया अपनानी होगी। अस्पताल में भर्ती मरीज का फोटो बिस्तर और मॉनिटर के साथ रोजाना पोर्टल पर अपलोड करना होगा। उसकी केस शीट, रोजाना की लैब रिपोर्ट भी अपलोड करना पड़ेगी।
भर्ती मरीज का बिस्तर-मॉनिटर दिखता हुआ फोटो बताना जरूरी
- 5400 रुपए किया पैकेज चार्ज, पहले 8500 रु प्रतिदिन तक वसूला जाता था
- 1048 करोड़ रुपए निजी अस्पतालों को भुगतान किया तीन साल में
किस डॉक्टर ने इलाज किया, उसके साइन और सील जरूरी
मरीज की केस शीट में ट्रीटमेंट डॉक्टर की सील और साइन होना जरूरी है। पहले अस्पताल सिर्फ सील लगाकर रिपोर्ट को अपलोड कर देते थे। योजना के तहत इम्पैनल हुए अस्पताल में कौन-कौन से डिपार्टमेंट संचालित हो रहे हैं, इसकी डिटेल भी शो करना होगी। इसाज करने वाले डॉक्टर कौन-कौन हैं, यह भी बताना होगा।
मेडिसिन डिपार्टमेंट के मरीजों के नाम पर 90% गड़बड़ी
इन बदलावों के पीछे अफसर तर्क दे रहे हैं कि निजी अस्पताल सबसे ज्यादा 90 फीसदी गड़बड़ी मेडिसिन डिपार्टमेंट में भर्ती होने वाले मरीज के नाम पर करते थे। यहां पर मामूली इलाज के लिए भर्ती होने वाले मरीजों को गंभीर बताकर जांचों और निगरानी के नाम पर आईसीयू में 15 से 20 दिन तक भर्ती किया जाता था।
120 निजी अस्पतालों में 200 करोड़ का घोटाला उजागर
आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश में 620 निजी अस्पताल रजिस्टर्ड हो चुके हैं। पिछले तीन साल 2019 से अभी तक सरकार इन अस्पतालों को करीब 1048 करोड़ 98 लाख 19 हजार 481 रुपयों का भुगतान कर चुकी है। इसके बाद योजना के इम्पैनल 120 निजी अस्पतालों द्वारा करीब 200 करोड़ रुपए का घोटाला करने की बात सामने आ चुकी है।
जहां टांके लगाए, उस जगह का फोटो भी बताना होगा…
यदि ऑपरेशन हुआ है तो मरीज का ओटी टेबल पर लेटे हुए, ऑपरेशन के स्थान और ऑपरेशन के बाद शरीर के उस हिस्से, जहां टांके लगाए गए हैं, का फोटो खींचकर आयुष्मान के पोर्टल पर क्लेम के लिए अपलोड करना होगा।